नेपाल विमान हादसे में मारे गए 72 लोगों मे से तीन लोग ऐसे थे, जो केरल में अंतिम संस्कार में शामिल होकर अपने घर लौट रहे थे. ये तीनों लोग नेपाली थे. तीनों की मौत के बाद अबकेरल के पथानमथिट्टा जिले के अनिक्कड़ गांव में मातम छाया हुआ है. राजू ठाकुरी, राबिन हमाल और अनिल शाही ईसाई प्रचारक मैथ्यू फिलिप के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पठानमथिट्टा पहुंचे थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईसाई प्रचारक मैथ्यू फिलिप दो साल पहले ही केरल में लौटे थे. इससे पहले उन्होंने पोखरा में 45 साल बिताए थे. हादसे में मारे गए तीनों नेपालियों के साथ फ्लिप का बहुत गहरा रिश्ता था. फिलिप के पोते जोएल मैथ्यू ने बताया कि हमें जैसे ही विमान हादसे की जानकारी मिली, हमने लोगों से संपर्क किया और मारे गए लोगों की लिस्ट देखी. हमें पता चला कि तीनों लोग काठमांडू से पोखरा जाने वाली फ्लाइट में सवार हुए थे. जबकि इनके साथ दो अन्य लोग काठमांडू ही रुक गए थे.
मेरे दादा जी के लिए नेपाली गाना भी गाया- जोएल
जोएल ने बताया कि दादा फिलिप को दो साल पहले कैंसर का पता चला था. इसके बाद वह पोखरा में अपने काम छोड़कर केरल में अपने पैतृक गांव लौट आए थे. जोएल ने बताया कि पांचों नेपाली नागरिक दादा जी से मिलने केरल आया करते थे. अंतिम संस्कार वाले दिन वह पूरे दिन चर्च में रहे. उन्होंने हमारे घर में भी समय बिताया और दादा जी का पंसदीदा नेपाली गाना भी गाया. अंतिम संस्कार कराकर वह वापस नेपाल लौट रहे थे. मेरे दादा जी उन तीनों के लिए पिता की तरह थे.
नेपाल में फिर शुरू हुआ खोज अभियान
बता दें कि विमान हादसे के बाद अबतक 68 शव बरामद हो चुके हैं. इनमें से 26 शवों की पहचान की जा चुकी है. बताया जा रहा है कि सुबह 9 बजे से शवों का पोस्टमार्टम शुरू हो गया है. भारतीय सहित विदेशी नागरिकों के शवों को पहले राजधानी काठमांडू लाया जाएगा.
जिन शवों की पहचान नहीं हुई है, उनको भी काठमांडू लाकर डीएनए परीक्षण के लिए भेजा जाएगा. भारतीय शवों को लेने के लिए काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी पोखरा पहुंच गए हैं. पहचान होते ही भारतीय नागरिक के शवों को यूपी के गाजीपुर भेजे जाने की तैयारी की जाएगी.