कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्विटर पर उस दावे पर सफाई दी है, जिसमें कहा जा रहा है कि थरूर ने भारतीयों से 2002 के गुजरात नरसंहार से आगे बढ़ने को कहा. ये दावा अशोक सिंह गरचा नाम के एक ट्विटर यूजर ने किया है. इसपर शशि थरूर ने कहा है कि सांप्रदायिक मुद्दों पर मेरे चार दशक के रिकॉर्ड और गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए खड़े होने के दो दशक के रिकॉर्ड को तोड़-मरोड़ कर पेश करना बेहद निंदनीय है.
अशोक सिंह गरचा नाम के यूजर ने ट्वीट किया था, ”शशि थरूर ने 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए ब्रिटिश सरकार से माफी की मांग की.कल उन्होंने भारतीयों से 2002 के गुजरात नरसंहार से आगे बढ़ने को कहा. शशि थरूर को अपने अनुभव और पैरवी से पता होना चाहिए कि राष्ट्रों और उसके लोगों की यादें लंबी होती हैं.”
I did not do that. I’ve repeatedly made it clear that i believe the wounds of Gujarat have not fully healed, but that given that the Supreme Court has issued a final ruling, we gain little from debating this issue when so many urgent contemporary matters need to be addressed. https://t.co/kvfcb6u27p
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 27, 2023
मैंने ऐसा नहीं कहा- शशि थरूर
इस ट्वीट के जवाब में शशि थरूर ने लिखा, ”मैंने ऐसा नहीं कहा. मैंने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि मेरा मानना है कि गुजरात के घाव पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं, लेकिन यह देखते हुए कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना आखिरी फैसला जारी कर दिया है, इसलिए हमें इस मुद्दे पर बहस करने से कोई फायदा नहीं होगा. देश में पहले से ही इतने सारे समकालीन मामलों को संबोधित करने की बहुत जरूरत है.”
शशि थरूर ने आगे कहा, ”मैं मानता हूं कि लोग मेरे विचार से असहमत हो सकते हैं, लेकिन सांप्रदायिक मुद्दों पर मेरे चार दशक के रिकॉर्ड और गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए खड़े होने के दो दशक के रिकॉर्ड को तोड़-मरोड़ कर पेश करना बेहद निंदनीय है. ‘धर्मनिरपेक्ष खेमे’ के लोगों को अपने खुद के प्रति द्वेषपूर्ण होने से बहुत कम फायदा होता है.”
आपके विश्वास को टूटते हुए देखना दुखद- शशि थरूर
थरूर के इन ट्वीट्स पर अशोक सिंह गरचा ने लिखा, ”अपने एक जमाने के नायक के विश्वास को टूटते हुए देखना दुखद है. हमारी पीढ़ी पुराने ज़माने के शशि थरूर को पसंद करते हुए बड़ी हुई है!”