दुनिया में आर्थिक तंगी की आशंकाओं के बीच चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही जनवरी से मार्च महीने में खूब हायरिंग होने वाली है. हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि ऐसी डेढ़ हजार कंपनियां हैं जहां मार्च तक तीन महीने में बंपर हायरिंग होगी. मैनपावर ग्रुप के ताजा एम्पलॉयमेंट आउटलुक ने बताया कि 3000 कंपनियों में 48% कंपनियों ने और अधिक लोगों को रोजगार देने की बात कही है. 34% कंपनियां अपने कर्मचारियों में कोई बदलाव नहीं चाहती, जबकि 16% कंपनियों ने कम हायरिंग का इरादा किया है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अभी भारत का नेट एम्पलॉयमेंट 32% है, जो पिछले साल की तुलना में 17% कम है. भारत के मजबूत आर्थिक पूर्वानुमानों के चलते भारतीय कंपनियों का सेंटिमेंट बाकी दुनिया से बेहतर है. मसलन भारत टॉप हायरिंग इंटेंट वाले देशों की लिस्ट में पांचवें स्थान पर है. हायरिंग इंटेंट को लेकर रिपोर्ट में दुनिया के 41 देशों को शामिल किया गया था, जिसमें 32% के साथ भारत पांचवें स्थान पर रहा. उच्च हायरिंग इंटेंट का मतलब है कि कंपनियां और अधिक हायरिंग का इरादा रखती है.
उच्च हायरिंग इंटेंट वाले देशों में भारत पांचवें स्थान पर
रिपोर्ट में बताया गया है कि 12 ऐसे देश हैं जहां हायरिंग इंटेंट मजबूत हुआ है, जबकि 29 देशें में हायरिंग इंटेंट कमजोर हुआ है जो कि उस देश की आर्थिक स्थिति के लिए ठीक नहीं है. टॉप पांच देशों की लिस्ट में पनामा सबसे टॉप पर है जहां कंपनियों का हायरिंग इंटेंट 39% के साथ सबसे मजबूत स्थिति में है. वहीं सेंट्रल अमेरिकी देश कोस्टारिका में 35%, कनाडा में 34% , सिंगापुर में 33% है.
इन कंपनियों में होगी बंपर हायरिंग
अगर भारत के भीतर हायरिंग इंटेंट की बात करें तो पता चलता है कि उत्तर भारत में स्थित कंपनियां बंपर हायरिंग करने वाली है, जहां 36% के साथ सेंटिमेंट सबसे बेहतर है. वहीं पश्चिम भारत में 32%, दक्षिण भारत में 29% और पूर्वी भारत में 26% है. रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा हायरिंग आईटी इंडस्ट्री, फाइनेंस और रियल एस्टेट सेक्टर में होगी. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टीलमीज सर्विसेस के वाइस प्रेसिडेंट बालासुब्रण्यम ने बताया कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में हायरिंग आउटलुक बेहतर स्थिति में है. जीडीपी को लेकर भी भावनाएं पॉजिटिव हैं. उन्होंने कहा कि आर्थिक स्लोडाउन की आशंकाओं की वजह से ज्यादातर कंपनियां वेट एंड वाच मोड में हैं.