देश में साइबर क्राइम हमेशा से लोगों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय रहा है. लेकिन इसमें भी दिन पर दिन बढ़ रहे सेक्टॉर्शन के मामले पुलिस के लिए सिर दर्द बनते जा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जो लोग इस जाल में फंसते है उनमें से ज्यादातर मामले की शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे ही नहीं आते. या तो वह समाज के डर से खुदकुशी कर लेते हैं या तो चुपचाप अपराधियों की बात मानते रहते हैं. ऐसे में पुलिस के लिए इन अपराधियों तक पहुंचना और मुश्किल हो जाता है और मासूम लोगों को अपने जाल में फंसाने वालों के हौसले और बुलंद हो जाते हैं.
इस बीच साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि छात्रों को अपना शिकार बनाने वाले सेक्सटॉर्शन के मामले बढ़ रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कन्नड़ में इन मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अनंनत प्रभु जी ने बताया कि हर रोज दर्ज किए जा रहे 10 मामलों में ज्यादातर मामले सेक्सटॉर्शन के होते हैं. इनमें भी 3 मामलों में छात्रों को टारगेट किया जाता है.
19 साल के छात्र ने की आत्महत्या
ऐसा ही एक मामला 24 जनवरी को दक्षिण कन्नड़ से सामने आया था जिसमें सेक्सटॉर्शन का शिकार बने 19 साल के छात्र ने खुदकुशी कर ली थी. जालसाज उसे धमकी दे रहे थे कि अगर उसने उन्हें पैसे नहीं दिए तो वो उसकी प्राइवेट वी़डियो को वायरल कर देंगे.
ऐसे जाल बिछाते हैं जालसाज
सेक्टॉर्शन का ये पूरा खेल शुरू कैसे होता है, अनंत प्रभु ने इस बारे में भी विस्तार से बात की है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर समय जालसाज एक प्राइवेट मैसेज भेजकर जाल बिछाने की शुरुआत करते हैं. ये मैसेज किसी अज्ञात लड़की की तरफ से भेजा जाता है. इसके बाद धीरे-धीरे बात बढ़ाई जाती है और पीड़ित को बातों में उलझा कर ऑनलाइन रिलेशनशिप शुरू किया जाता है.
उन्होंने बताया कि हमें कई ऐसे पीड़ितोंके फोन आते हैं जो 5 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक गंवा चुके होते हैं. इसके बाद जैसे ही पीड़ित जालसाजों को ब्लॉक करते हैं वो किल अप्रोच अपनाते हुए उनके प्राइवेट वीडियो उनके कॉन्टैक्ट लिस्ट में मौजूद सभी लोगों को भेज देते हैं.
उन्होंने बताया कि इन सब चीजों की वजह से छात्र अक्सर डिप्रेशन में चले जाते हैं और अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते. ऐेसे में हम क्लास 6-10 तक के छात्रों तक पहुंचकर उन्हें जागरुक कर रहे हैं.