पाकिस्तान से आतंक को बढ़ावा देने वाले और खूंखार आतंकी हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की को भी ग्लोबल टेररिस्ट (वैश्विक आतंकवादी) घोषित कर दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने मक्की को अपने आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत यह फैसला लिया. बता दें कि जून 2022 में, भारत ने प्रतिबंध समिति, जिसे यूएनएससी 1267 समिति के रूप में भी जाना जाता है, के तहत आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को चीन ने रोक दिया था, जिसकी काफी आलोचना की गई थी.
दरअसल भारत और अमेरिका पहले ही अब्दुल रहमान मक्की को अपने घरेलू कानूनों के तहत आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कर चुके हैं. वह धन जुटाने, भर्ती करने और युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में हमलों की योजना बनाने में शामिल रहा है.
26/11 के मुंबई हमलों की साजिश
अब्दुल रहमान मक्की आतंकी संगठन जमात उत दावा का सदस्य है और उसने 26/11 के मुंबई हमलों की साजिश रची थी. मक्की पाकिस्तान के इस्लामिक वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन अहल ए हदीस व लश्कर ए तैयबा में अच्छी पैठ रखता है. उसे हाफिज सईद का काफी करीबी माना जाता है.
हाफिज सईद का बहनोई है मक्की
मक्की लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) प्रमुख और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बहनोई है. आतंकी मक्की ने अमेरिका द्वारा नामित विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) लश्कर के भीतर विभिन्न नेतृत्व भूमिकाओं पर कब्जा कर लिया है. उसने लश्कर के अभियानों के लिए धन जुटाने में भी भूमिका निभाई है.
इस बार नहीं चली चीन की चाल
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, 2020 में, एक पाकिस्तानी आतंकवाद-रोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में मक्की को दोषी ठहराया और उसे जेल की सजा सुनाई. वहीं चीन ने विशेष रूप से पाकिस्तान से आतंकवादियों की सूची में बाधाएं डाली हैं. इसने पाकिस्तान स्थित और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को नामित करने के प्रस्तावों को बार-बार अवरुद्ध किया था. हालांकि इसमें भी भारत सफल हो गया था.