
त्रिपुरा में रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) को बड़ी कामयाबी मिली है. आरपीएफ ने ऐसे 16 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो अवैध रूप से भारत में घुस आए थे. अगरतला रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार किए गए लोगों में 12 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. सरकारी रेलवे पुलिस स्टेशन के इंचार्ज राणा चटर्जी ने बताया कि खुफिया इनपुट के आधार पर यह गिरफ्तारी की गई, जिसमें तीन बच्चे भी शामिल हैं. गिरफ्तार विदेशी लोगों में दो बांग्लादेशी और 10 रोहिंग्या हैं. पुलिस ने बताया कि मधुपुर का रहने वाला एक बिचौलिया भी पकड़ा गया है.
पुलिस के मुताबिक, बिचौलिये की मदद से सभी लोग बांग्लादेश से भारत में घुसे थे. वे अगरतला रेलवे स्टेशन से 8.05 बजे कंचनजुंगा एक्सप्रेस ट्रेन में सवार होने वाले थे. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को मेडिकल एग्जामिनेशन के लिए भेजा गया है, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगाय. सभी के खिलाफ एक केस भी दर्ज किया गया है, और पुलिस मामले जुट गई है, जो यह देखने की कोशिश में है कि आखिर भारत में घुसने की उनकी मंशा क्या है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिचौलिये ने उन सभी को फर्जी आधार बनाने में मदद की थी और रेलवे टिकट भी दिया था.
पिछले साल 370 विदेशी नागरिक पकड़े गए
उत्तर पूर्व पर नजर रखने वाले एक मीडिया संस्थान के मुताबिक, फरवरी महीने में अबतक 33 विदेशी नागरिक पकड़े गए हैं, जिनमें ज्यादातर रोहिग्या बताए जा रहे हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वे बांग्लादेश में चित्तागोंग कैम्प से आए थे. सभी लोग अगरतला रेलवे स्टेशन से ट्रेन में सवार होकर देश के अन्य हिस्सों में जाने की कोशिश में थे. एक अलग मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने 370 लोगों को गिरफ्तार किया था, जो अवैध रूप से भारत में घुसपैठ की कोशिश में थे. इनमें 59 रोहिंग्या और 150 बांग्लादेशी नागरिक शामिल थे.
2016 से घुसपैठ कर रहे रोहिंग्या
साल 2016 से म्यांमार सेना की हिंसा से बचने के लिए रोहिंग्या भारत और आसपास के देशों में घुसपैठ कर रहे हैं. यह एक चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि वे दबे-कुचले लोग हैं और गरीब हैं. ऐसे में उन्हें बरगलाना आसान होता है और अगर एक्सपर्ट्स की मानें तो वे आसानी से बहकावे में आ जाते हैं और अवैध गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं. पिछले कुछ सालों में ऐसे कई मामले भी सामने आए हैं, जिसमें रोहिंग्या शामिल पाए गए थे. ह्युमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 40 हजार रोहिंग्या हैं, जिनमें कम से कम 20 हजार यूएनएचसीआर में रजिस्टर्ड हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में अगर देखें तो पता चलता है कि रोहिंग्या भी यहां टारगेट किए जाते हैं और उनपर कई हिंसात्मक हमले भी हुए हैं.