कर्नाटक में एक सड़क हादसे में पीड़ित ने अंगदान करके छह रोगियों को नई जिंदगी दी है. मरावन्थे में 25 फरवरी को दोपहर 1.30 बजे हुई एक दुर्घटना में कर्नाटक के उडुपी जिले के बिंदूर के उपपुंडा निवासी कोडेरी शिल्पा माधव (44) को गंभीर चोटें आईं और उन्हें आगे के इलाज के लिए कस्तूरबा अस्पताल, मणिपाल में भर्ती कराया गया था.
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश शेट्टी के अनुसार, डॉक्टरों के उन्हें बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन इसके बावजूद उनके ठीक होने के कोई संकेत नहीं दिखे. इसके बाद आधिकारिक तौर पर दो बार मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार विशेषज्ञ डॉक्टरों के पैनल ने महिला को ब्रेन डेड घोषित किया.
अंग दान करने की इच्छा
डॉक्टरों ने पहली बार रविवार को शाम 6.29 बजे और दूसरी बार सोमवार 1.35 बजे महिला को ब्रेन डेड बताया. इसके बाद, उनके पति प्रसन्ना कुमार और परिवार के सदस्यों ने अन्य जरूरतमंद रोगियों के जीवन को बचाने के लिए अंग दान करने की इच्छा व्यक्त की. इसके बाद महिला के लिवर को एस्टर सीएमआई अस्पताल, बेंगलुरु भेजा गया था.
अंग दान एक नेक काम
वहीं एक किडनी एजे अस्पताल, मंगलुरु को भेजी गई थी और एक किडनी, कॉर्निया और त्वचा कस्तूरबा अस्पताल, मणिपाल द्वारा पंजीकृत रोगियों के लिए रखी गई थी. परिवार ने कहा कि अंग दान एक नेक काम है और शिल्पा ने अपनी मृत्यु में भी एक महान काम किया है.
स्वागत योग्य बदलाव
साथ ही डॉ. अविनाश शेट्टी ने कहा कि परिवार द्वारा पीड़िता के अंगों को दान करने का निर्णय इस नेक काम में लोगों की बदलती मानसिकता को दर्शाता है. यह एक स्वागत योग्य बदलाव है और कई लोगों द्वारा इसका अनुकरण करने की आवश्यकता है. शरीर से निकाले गए अंगों को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से मणिपाल से मंगलुरु तक उडुपी और दक्षिण कन्नड़ जिला पुलिस विभागों के सहयोग से प्राप्तकर्ता अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया.