आप मार्केट से मीट खरीदने जाएं और पैकेट पर वीभत्स तस्वीरें लगी हों और उसके साथ ही चेतावनी भरे मैसेज भी हो? क्या ऐसी स्थिति में आप उस मीट को खरीदेंगे? मीट खाना बंद कर देंगे या उसे इग्नोर कर देंगे? दरअसल, जैसे सिगरेट के पैकेट पर चेतावनी देते हुए कहा जाता है कि ध्रूमपान से कैंसर होता है. ये कैंसर कैसा हो सकता है, आपके शरीर को कैसा नुकसान पहुंचा सकता है, इसको तस्वीर के माध्यम से भी समझाया जाता है. पैकेट पर गले के कैंसर, काले फेफड़े और सड़े हुए दांत की भयानक फोटो होती हैं. इसका मकसद होता है कि लोग इससे दूर रहें. अब, वैज्ञानिकों का कहना है कि मांस को भी इसी तरह से बेचा जाए.
डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक सोचते हैं कि पैकेट पर फोटो के माध्यम से जब चेतावनी दी जाएगी तो इससे खरीदारों को शर्म आएगी और मांस की जो भारी खपत होती है उसमें बदलाव आएगा.
ऐसा करने से लोग मीट खरीदेंगे या नहीं, इसे जानने के लिए स्टडी की गई है. इसमें शामिल लोगों को चिकन और बीफ के जो पैकेट दिए गए उस पर परेशान करने वाली फोटो और मैसेज थे. फिर उनसे पूछा गया कि क्या ऐसे में वो खरीदना चाहेंगे?
पैकेट पर जो मैसेज थे, उनमें लिखा था कि जब आप मांस खाते हैं तो जानवर पीड़ित होते हैं. आपके मांस खाने से अमेजन रेनफॉरेस्ट नष्ट हो रहे हैं. मांस खाने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है.इसके साथ ही मीट के पैकेट पर बैटरी मुर्गियों और जले हुए जंगलों की तस्वीरें लगाई गईं.
स्टडी में शामिल वॉलंटियर्स ने कहा कि इस तरह की पैकेजिंग से आइटम खरीदने की उनकी इच्छा में कमी आई और भविष्य में उन्हें मांस खरीदने से भी रोकने का काम किया. मांस और डेयरी उत्पाद खाने से भी पर्यावरण को नुकसान हो सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इंडस्ट्री के नकारात्मक पहलुओं के बावजूद कंज्यूमर अक्सर अपने मांस की खपत को कम करने के लिए इच्छुक नहीं होते हैं.