
रायपुर: कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी से आह्वान किया कि वह साहसिक घोषणा करे और इसके लिए वह कोई संकोच न करे. रायपुर में 85वें पूर्ण अधिवेशन में कांग्रेस के आर्थिक प्रस्ताव के मसौदे पर चर्चा को समाप्त करते हुए चिदंबरम ने कहा कि पार्टी साहस के साथ यह घोषणा करे कि भविष्य की सरकार में उसका अगला काम भारत की 50 फीसदी आबादी को गरीबी से बाहर निकालना होगा. इस दौरान चिदंबरम ने भारत की आर्थिक नीतियों को फिर से स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया.
चिदंबरम ने कहा कि जिस तरह कांग्रेस ने एक खुली, प्रतिस्पर्धी और उदार अर्थव्यवस्था को अपनाया, अब समय आ गया है कि पार्टी साहसपूर्वक और स्पष्ट तरीके से घोषणा करे कि उसका अगला काम भारत की 50 प्रतिशत आबादी को गरीबी से बाहर निकालना है. कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी को खुले तौर पर भारत की 50 फीसदी आबादी के निचले हिस्से को अपने निर्वाचन क्षेत्र के रूप में खुले तौर पर अपनाना चाहिए और उन्हें गरीबी से बाहर निकालने का वादा करना चाहिए.
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कांग्रेस ने उदार अर्थव्यवस्था की शुरुआत की थी
चिदंबरम ने कहा कि पार्टी को भारत को यह संदेश देना चाहिए कि 1991 में कांग्रेस ने एक खुली, प्रतिस्पर्धी और उदार अर्थव्यवस्था की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि उदारीकरण वाली अर्थव्यवस्था के बीज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में बोए गए थे. चिदंबरम ने कहा, ‘दुर्भाग्य से, राजीव गांधी का निधन हो गया और फिर जब हम पी वी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में सत्ता में वापस आए, तो वित्त मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को खोलने का साहसिक कदम उठाया.’
It was the Congress Party in 1991 that ushered in an open, liberal and competitive economy. All the new champions across various sectors were created during Congress’ tenure. The time has come to lift the bottom 50% of the Indian population out of poverty.
: @PChidambaram_IN Ji pic.twitter.com/jDiqti4TMB
— Congress (@INCIndia) February 25, 2023
हमें संकोच नहीं करना चाहिए
आर्थिक प्रस्ताव पेश करने से पहले सत्र को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि हमें संकोच नहीं करना चाहिए, हमें झुकना नहीं चाहिए, हमें खुले तौर पर यह घोषणा करने से डरना नहीं चाहिए कि आगे चलकर कांग्रेस की आर्थिक नीतियों से रोजगार और धन का सृजन होगा, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसका समान रूप से वितरण हो ताकि नीचे की 50 फीसदी आबादी को अगले दस से बीस साल तक अधिकांश लाभ मिल सके.
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आर्थिक प्रस्ताव में क्या कहा गया?
कांग्रेस ने अपने तीन दिवसीय 85वें महाधिवेशन के दूसरे दिन पारित आर्थिक प्रस्ताव में कहा कि वह इस तरह के एकाधिकार के खिलाफ है क्योंकि ये जनहित के खिलाफ हैं. इसमें कहा गया कि विशेष रूप से पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपी लोगों के खिलाफ है, जो देश के संसाधनों पर एकाधिकार करने वाली कर पनाहगाहों के साथ अनुचित संबंध रखते हैं. (भाषा से इनपुट के साथ)