
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने ऐसी तबाही मचाई है कि चारों तरफ सिर्फ मातम और दर्द ही दर्द दिखाई दे रहा है. इस विनाशकारी घटना में 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 50 हजार से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं. इस बीच बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने इस्लामिस्ट लोगों को निशाने पर लिया है. उन्होंने स्वीडन में कुरान जलाने के मसले पर ट्वीट किया.
तसलीमा नसरीन ने लिखा, ‘इस्लामिस्ट कह रहे थे कि अल्लाह स्वीडन को दंड देगा क्योंकि स्वीडन में लोग कुरान जला रहे थे, लेकिन इसके बजाय अल्लाह ने तुर्की को सजा दी. दरअसल भूकंप प्रॉन एरिया में आते हैं. इसका अल्लाह से कोई लेना-देना नहीं है.’
इस साल 21 जनवरी को स्वीडन में तुर्की दूतावास के बाहर तुर्की के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर कुरान की एक प्रति जलाई गई थी. शहर में तीन अलग-अलग विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. एक तुर्की के खिलाफ था, दूसरा कुर्दों के समर्थन में था और तीसरा उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के लिए स्वीडन के खिलाफ था. कुरान जलाने की घटना के बाद तुर्की और पाकिस्तान की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं. तीनों विरोध प्रदर्शनों के लिए स्वीडन पुलिस की अनुमति थी.
रैसमस पालुदन ने जलाई थी कुरान की कॉपी
दानिश धुर-दक्षिणपंथी राजनीतिक दल हार्ड लाइन के नेता रैसमस पालुदन ने ही कुरान की कॉपी जलाई थी. खास बात यह है कि इससे पहले भी वह कॉपियां जला चुके थे. पलुदान के पास स्वीडिश नागरिकता है. स्वीडिश विदेश मंत्री टोबियास बिलस्ट्रॉम ने इस घटना पर निराशा व्यक्त की थी और कहा, “स्वीडन के पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि स्वीडिश सरकार इस घटना का समर्थन करती है.” इससे पहले, तुर्की ने स्वीडिश राजदूत को तलब कर विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया था.
पाकिस्तान, सऊदी अरब, जॉर्डन और कुवैत ने भी की थी निंदा
तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, “हम अपनी पवित्र कुरान पर हुए हमले की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करते हैं…अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में मुसलमानों को निशाना बनाने और हमारे पवित्र मूल्यों का अपमान करने वाले इस इस्लाम विरोधी कृत्य की अनुमति देना पूरी तरह से अस्वीकार्य है.” पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान, पंजाब के मुख्यमंत्री परवेज इलाही और ओआईसी महासचिव ने कुरान जलाने की घटना की निंदा की थी. पाकिस्तान और तुर्की के अलावा सऊदी अरब, जॉर्डन और कुवैत ने इस घटना की निंदा करते हुए बयान जारी किए थे.