
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि राज्य पुलिस द्वारा पिछले दिन से शुरू किया गया बाल विवाह (Child Marriage) के खिलाफ अभियान 2026 में अगले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई के लिए शनिवार तक राज्य में 2250 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
बयान के अनुसार राज्यभर में बाल विवाह के खिलाफ दर्ज 4,074 प्राथमिकी के आधार पर अब तक कुल 2,258 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के बयान में कहा गया है कि विश्वनाथ में अब तक कम से कम 139 लोगों को, इसके बाद बारपेटा में 128 और धुबरी में 127 लोगों को पकड़ा गया है.
हमारा अभियान 2026 तक जारी रहेगा
शर्मा ने कहा कि नाबालिग की शादी में शामिल माता-पिता को फिलहाल नोटिस देकर छोड़ा जा रहा है और गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारा अभियान 2026 तक जारी रहेगा. हमें उम्मीद है कि तब तक राज्य में बाल विवाह का कोई मामला सामने नहीं आयेगा.’ बाल विवाह के 4,000 से अधिक मामलों में आठ हजार से अधिक आरोपी हैं.
उन्होंने कहा, ‘अगर हम माता-पिता को छोड़ दें, तो गिरफ्तारी का सामना करने वाले आरोपियों की संख्या लगभग 3,500 हो जाती है.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्तों को काजियों की व्यवस्था को नियंत्रित करने (निकाह कराने वाले मौलाना) और खतरे के खिलाफ लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कहा गया है.
बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई पर भड़के ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी असम में बाल विवाह के खिलाफ की गई कार्रवाई पर भड़क गए. उन्होंने पूछा कि जिनकी शादी हो चुकी है, उन लड़कियों का आप क्या करेंगे? उनकी देखभाल कौन करेगा? ओवैसी ने कहा कि आप नए स्कूल क्यों नहीं खोल रहे हैं? उन्होंने कहा कि असम में भाजपा की सरकार मुसलमानों के प्रति पक्षपाती है. बता दें कि राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि अब तक पूरे असम में बाल विवाह से जुड़े 4,074 मामले दर्ज किए गए जबकि 8,134 लोगों की पहचान की गई है. (भाषा से इनपुट के साथ)