पहाड़ी राज्यों समेत देश के मैदानी राज्यों में अब गर्मी बढ़ने वाली है. भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि अगले कुछ दिनों में पारा सामान्य से तीन से पांच डिग्री ज्यादा रह सकता है. बड़ी बात यह है किदेश के कई हिस्सों में पहले से ही इतना तापमान दर्ज किया जा रहा है, जो आमतौर पर मार्च के पहले हफ्ते में दर्ज किया जाता है. मौसम विभाग ने सोमवार को कहा था कि सामान्य से ज्यादा तापमान का गेहूं और अन्य फसलों पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
आईएमडी के एक वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कम होने के बाद अगले दो दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि हालांकि अगले पांच दिनों में क्षेत्र के साथ-साथ मध्य और पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री ज्यादा रहने की संभावना है.
दिल्ली में सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया तापमान
सोमवार को उत्तर-पश्चिम, मध्य और पश्चिम भारत के अधिकांश स्थानों पर अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के साथ दिल्ली में सोमवार को 1969 के बाद फरवरी का तीसरा सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया. शहर में 26 फरवरी 2006 को अधिकतम तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियस और 17 फरवरी 1993 को अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. दिल्ली में मंगलवार को अधिकतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से सात डिग्री ज्यादा है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि कुछ कमजोर पश्चिमी विक्षोभों के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश हुई है. उन्होंने कहा कि अधिकतम तापमान पहले से ही बढ़ रहा है और मार्च के पहले पखवाड़े में उत्तर पश्चिम भारत के एक या दो मौसम संबंधी उपखंडों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस और उससे ऊपर तक पहुंच सकता है.
शिमला और आसपास के क्षेत्रों में गरज के साथ बौछारें
शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार दोपहर को ओलावृष्टि और गरज के साथ बौछारें पड़ी. बौछारों और ओलावृष्टि के कारण तापमान घट गया जो पिछले कुछ दिनों से सामान्य से आठ-10 डिग्री सेल्सियस अधिक था. इस बीच ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फिर बर्फबारी हुई. कोकसार में 17 सेंटीमीटर , गोंडला में 12 सेंटीमीटर, कुकुमसेरी में नौ सेंटीमीटर, किलोंग में छह सेंटीमीटर, कुफरी में दो सेंटीमीटर बर्फबारी हुई. निचले और मध्य पहाड़ों के कुछ हिस्सों में रूक-रूक कर बारिश हुई.शिमला में सबसे अधिक 19 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि मनाली में 14 मिलीमीटर, हमीरपुर में छह मिलीमीटर, भरमौर और कोठी में पांच -पांच मिलीमीटर, नरकांडा में चार मिलीमीटर और सलोनी में एक मिलीमीटर बारिश हुई.