
- श्री रामानुजाचार्य के 108 दिव्यदेश ब्रह्मोत्सवम के एक साल पूरा होने के अवसर पर बीते 2 फरवरी से मुचिंतल के जीयर आश्रम में समता कुंभ 2023 का आयोजन शुरू हुआ. शनिवार को इसका तीसरा दिन था.
- तीसरे दिन मुचिंतल आश्रम में भगवान रामचंद्र की 18 मूर्तियों की तिरुमंजना सेवा की गई. सभी दिव्य मूर्तियों का अभिषेक किया गया. गरुड़ सेवा में हिस्सा लेने वालों लोगों ने यह सेवा की.
- समता कुंभ के तीसरे दिन शाम को भगवान साकेत रामचंद्र की शेषवाहन सेवा की गई. सेशा (शेषनाग) का अर्थ है साक्षात रामानुज. शेषवाहन सेवा के अलावा कई अलग-अलग भगवद सेवाओं का आयोजन किया गया.
- चिन्ना जीयर स्वामी ने कहा कि एक स्थान पर इतने रूपों में श्री रामचंद्र की उपस्थिति अब तक नहीं हुई है और एक साथ 18 रूपों में तिरुमंजना सेवा करना दुर्लभ है.
- चिन्ना जीयर स्वामी ने कहा कि भगवान श्रीमन्नारायण जिस रूप में वैकुंठ में वीरासनम में विराजमान हैं, यह उससे मिलता जुलता है. तिरुमंजना सेवा के अंतर्गत भगवान को सबसे पहले दही से नहलाया गया, फिर तिरुमंजना दूध के साथ और फिर तेल और फिर जल के साथ स्नान कराया गया.
- बता दें कि 11 दिनों तक चलने वाले इस कुंभ का रविवार को चौथा दिन होगा. पांच फरवरी को 108 दिव्यदेशाधिओं के लिए शांति कल्याण मोहोत्सम का आयोजन किया जाएगा.