Migrant Attack Videos: तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमलों के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पटना पुलिस ने बताया है कि मजदूरों पर हमले के फेक वीडियो बिहार में ही शूट किए गए थे और इन वीडियोज को शूट करने वाले शख्स का नाम राकेश रंजन कुमार सिंह है, जिसने पटना के बंगाली टोला इलाके में एक घर किराए पर लिया और वहां मजदूरों से मारपीट का फेक वीडियो शूट किया. पटना पुलिस के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, ''पुलिस ने 8 मार्च को गोपालगंज में रंजन कुमार को गिरफ्तार किया. 10 मार्च को रंजन कुमार सिंह के घर पर छापेमारी की. सिंह ने कमरे का इस्तेमाल तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों के साथ मारपीट का एक नकली वीडियो बनाने के लिए किया था. पूछताछ के दौरान उसने 6 मार्च को फेक वीडियो बनाने और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिए एक घर किराए पर लेने की बात स्वीकार की. वह एक यूट्यूब चैनल और बीएनआर न्यूज एजेंसी चलाता है.'' यह भी पढ़ें- मेरी बहनों के गहने उतरवाए और फिर ED पर बरसते हुए तेजस्वी ने कहा- असली अडानी हम ही हैं मनीष के कहने पर बनाए थे फेक वीडियोज- सिंह अधिकारी ने आगे बताया, ''रंजन कुमार ने वीडियो में अनिल यादव और आदित्य कुमार नाम के दो लोगों को घायल मजदूरों के रूप में दिखाया. आरोपी रंजन ने नकली चोटों को दिखाने के लिए कपास, पट्टी और बीटाडीन भी खरीदी थी और मेकअप का इस्तेमाल किया. उसने अपने फोन से वीडियो शूट करके मनीष नाम के एक यूट्यूबर को दे दिया, जो अपने फेसबुक और ट्विटर पर 'सच तक न्यूज' चैनल का पेज चलाता था.'' सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने मनीष के कहने पर ही फेक वीडियो बनाया था. इसके लिए मनीष ने उसे अच्छे पैसे देने का आश्वासन दिया था. पुलिस ने आठ में से तीन आरोपियों को दबोचा बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले में आईपीसी) और आईटी अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत तीन एफआईआर दर्ज की हैं. बिहार के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि इस मामले में आठ आरोपियों में से अबतक तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार आरोपियों राकेश रंजन कुमार सिंह, अमन कुमार और राकेश तिवारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. यह भी पढ़ें- तमिलनाडु में बिहारियों के पिटाई के वीडियो Fake निकले तो फांसी पर चढ़ा देना- मनीष कश्यप
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