तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बुधवार से तीर्थयात्रियों को निर्बाध रूप से कई सेवाएं प्रदान करने के लिए नए बदलाव कर रहा है. आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में स्थित तिरुमाला में फेस डिटेक्शन की तकनीक पेश करेगा. टीटीडी सूत्रों के मुताबिक, फेस डिटेक्शन करने वाली तकनीक सबसे पहले तिरुमाला के सर्वदर्शन (मुफ्त दर्शन) काउंटरों, लड्डू काउंटरों और आवास केंद्रों पर लगाई जाएगी और उसी तकनीक को चरणबद्ध तरीके से अन्य तीर्थ स्थलों तक पहुंचाया जाएगा.
फेस डिटेक्शन तकनीक टीटीडी को बार-बार सेवाओं का लाभ उठाने वालों को रोकने में मदद करेगी. टीटीडी के अधिकारियों ने कहा कि मंदिर प्रशासन बार-बार मुफ्त दर्शन के लिए आने की कोशिश कर रहे भक्तों को प्रतिबंधित करने की भी कोशिश करेगा.
एक बार मुफ्त दर्शन की अनुमति
मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया कि भक्तों को महीने में एक बार मुफ्त दर्शन की अनुमति दी जाएगी और तिरुमाला मंदिर में एक महीने के भीतर एक और बार मुफ्त दर्शन करने की कोशिश करने वाले को अब प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. इसी तरह, रियायती किराये पर भक्तों के लिए कमरों के आवंटन की बात आने पर टीटीडी के लिए चेहरे की पहचान तकनीक के काम आने की उम्मीद है. इस प्रणाली से टीटीडी को उन दलालों और बिचौलियों की पहचान करने में मदद मिलने की संभावना है जो टीटीडी कमरे अत्यधिक दरों पर बेचते हैं.
दुनिया का सबसे धनी हिंदू मंदिर
आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर भारत का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर दुनिया का सबसे धनी हिंदू मंदिर भी है. अब आज से मंदिर भक्तों के लिए चेहरे की पहचान प्रणाली शुरू करेगा. निर्णय का उद्देश्य तिरुमाला के पहाड़ी मंदिर में भक्तों के दर्शन और आवास के संबंध में मौजूदा व्यवस्था में खामियों को दूर करना है. मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट टीटीडी ने कहा है कि हजारों श्रद्धालुओं को अधिक प्रभावी सेवाएं मुहैया कराने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली को प्रायोगिक आधार पर लॉन्च किया जाएगा.