Women Reservation Bill: केंद्रीय एजेंसी ईडी के समन को टालने के बाद तेलंगाना सीएम केसीआर की एमएलसी बेटी के कविता दिल्ली में अनशन कर रही हैं. बीआरएस के नेता और कार्यकर्ता राजधानी में जंतर मंतर पर महिला आरक्षण बिल की मांग को लेकर हंगर स्ट्राइक कर रहे हैं. यहां कविता भी पहुंची हैं. मीडिया को संबोधित करते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने कहा कि विधेयक वर्ष 2010 से ही ठंडे बस्ते में है और मोदी सरकार के लिए ऐतिहासिक मौका है कि 2024 से पहले इसे संसद से पारित कराए.
कविता ने बताया कि अनशन का आयोजन गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) भारत जागृति करेगा. कविता ने बताया कि सभी पार्टियों को इसमें शामिल होने का न्योता दिया गया है. अबतक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और शिवसेना सहित 18 पार्टियों के इसमें शामिल होने की उम्मीद है. कविता ने बताया, करीब 500 से 600 लोग अनशन पर बैठेंगे, लेकिन लोगों की उपस्थिति यहां और भी अधिक होगी. छह हजार से अधिक लोग और 18 राजनीतिक दलों ने अपनी हिस्सेदारी की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि सीपीआई नेता सीताराम येचुरी सुबह 10 बजे कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे.
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महिलाओं को 33% आरक्षण की मांग
गौरतलब है कि महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने का प्रावधान है. इस विधेयक को मई 2008 में राज्यसभा में पेश किया गया, जहां से इसे स्थायी समिति के पास भेज दिया गया. वर्ष 2010 में राज्यसभा ने विधेयक को मंजूरी दे दी और इसे लोकसभा की मंजूरी के लिए भेजा गया. हालांकि, 15वीं लोकसभा भंग होने की वजह से विधेयक की मियाद खत्म हो गई.
महिला आरक्षण बिल बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा
कविता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 और 2019 के आम चुनाव में वादा किया था कि उनकी सरकार यह विधेयक लाएगी और यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल है. उन्होंने कहा कि किसी भाजपा नेता ने यह मुद्दा नहीं उठाया और बहुमत होने के बावजूद मोदी सरकार संसद से विधेयक पारित कराने में असफल रही, जो बहुत ही दुखद मुद्दा है. कविता ने कहा कि महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मामले में भारत 193 देशों में 148वें स्थान पर है. उन्होंने कहा कि संसद में 543 में से केवल 78 महिला सदस्य हैं, जो केवल 14.4 प्रतिशत है.
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(भाषा इनपुट के साथ)