PMLA New Rules: मनी लॉन्ड्रिंग पर नियमों में केंद्र सरकार ने एक बार फिर बदलाव किया है. अब सरकार ने नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन और राजनीतिक रूप से एक्सपोज्ड लोगों को सख्त जांच के दायरे में रखने का फैसला किया है. पीएमएलए कानून के नियमों में किए गए इस बदलाव के बाद ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसी का जांच का दायरा और बढ़ जाएगा. इतना ही नहीं अवैध निकासी को मॉनिटर करने के लिए तो पहले से नियम थे ही, लेकिन अब उस नियम में क्रिप्टोकरेंसी को भी जोड़ा गया है.
प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के नियमों में बदलाव को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से 7 मार्च को दो गजट पारित किए गए. इनमें एक राजनीतिक रूप से एक्सपोज्ड लोगों से संबंधित है. नियम में बदलाव के बाद ईडी अब विदेशों में काम करने वाले लोगों, वरिष्ठ राजनेताओं, राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारियों, वरिष्ठ नौकरशाहों और सैन्य अधिकारियों की भी जांच कर सकती है.
बैंकों को रखना होगा ट्रैंजेक्शन पर नजर
इन लोगों के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों के लिए, बैंकों को ट्रैंजेक्शन का नेचर और ट्रांजेक्शन किए गए पैसे का रिकॉर्ड रखना होगा. नियमों में यह भी जोड़ा गया है कि, इन जानकारियों को कैसे साझा की जाएगी, इसको लेकर भी एक प्रोसेस का तरीका तैयार किया जाएगा. ईडी, पीएमएलए के तहत जांच करने वाली प्रमुख केंद्रीय एजेंसी है. विपक्षी नेता आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल अपने विरोधियों को दबाने के लिए कर रही है.
बैंकों को अतिरिक्त ट्रैंजेक्शन पर रखनी होगी नजर
पीएमएलए के नियमों में किए गए बदलाव के बाद अब बैंकों को इस तरह के लोगों के केवाईसी का अतिरिक्त रिकॉर्ड रखना होगा. अब बैंकों के लिए यह जरूरी है कि वे उन लोगों के अतिरिक्त ट्रैंजेक्शन का रिकॉर्ड रखे, जिनके खिलाफ ईडी को जांच के अधिकार दिए गए हैं, ताकि जांच एजेंसी को जरूरत पड़ने पर उन रिकॉर्डों को साझा किया जा सके.