हिंडनबर्ग-अडानी केस में आज सुप्रीम कोर्ट अहम आदेश जारी करेगा. कोर्ट से मार्केट रेगुलेटरी मकेनिज्म में बदलाव किए जाने और इनवेस्टरों की सुरक्षा को लेकर सुझावों के लिए एक्सपर्ट पैनल बनाने की मांग की गई थी. अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह और खुद गौतम अडानी को बड़ा निजी नुकसान हुआ है. अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर धराशायी हो गए और कंपनियों को अबतक अरबों डॉलर का नुकसान हो चुका है. इसकी वजह से बाकी इन्वेस्टर्स को नुकसान का सामना न करना पड़े, एक्सपर्ट पैनल इसी को लेकर सुझाव देगी.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ शेयर बाजार के लिए मौजूदा नियामक उपायों को मजबूत करने के लिए विषय विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने के संबंध में अपना फैसला सुना सकती है. शीर्ष अदालत ने 24 फरवरी को आदेश सुरक्षित रखते हुए प्रस्तावित विशेषज्ञ पैनल पर केंद्र के सुझाव को सीलबंद लिफाफे में स्वीकार करने से इनकार कर दिया था.
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कोर्ट मामले में चाहता है ट्रांसपेरेंसी
बेंच ने कहा कि वह निवेशकों के संरक्षण के लिए पूरी पारदर्शिता चाहती है. उसने प्रस्तावित समिति के कामकाज पर किसी सेवारत न्यायाधीश के निगरानी रखने की संभावना को भी खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए यह भी कहा था कि वह खुद तय करेगी कि उस समिति का सदस्य कौन होना चाहिए. रिपोर्ट प्रकाशित होने पर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया. अडानी ग्रुप और गौतम अडानी को बड़े राजस्व का नुकसान हुआ है.
सेबी भी कर रही अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच
इसकी आंच बाकी के निवेशकों तक न पहुंचे और मार्केट में भविष्य में अफरातफरी न मचे, इसके लिए एक्सपर्ट पैनल अपना सुझाव देगी. केंद्र ने भी बता कोर्ट को बताया कि उसे कमेटी के गठन से कोई समस्या नहीं है. बाजार नियामक सेबी ने अदालत को बताया कि वह “हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के साथ-साथ सेबी विनियमों के उल्लंघन को देखने के लिए रिपोर्ट के सामने आने से तुरंत पहले और बाद में मार्केट एक्टिविटीज दोनों की जांच कर रहा है.
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(भाषा इनपुट)