EXCLUSIVE: दहशतगर्द अमृतपाल सिंह को ‘अपनों’ से ही जान का खतरा, टेंशन में एजेंसियां!

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EXCLUSIVE: दहशतगर्द अमृतपाल सिंह को ‘अपनों’ से ही जान का खतरा, टेंशन में एजेंसियां!
देश की शांति में 'अशांति' का कंकड़ फेंकने में नाकाम और अब बुरी तरह से अपने ही बुने जाल में फंसकर फड़फड़ा रहे, दहशतगर्द अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) का अंजाम जो होगा सो देखा जाएगा. फिलहाल उसकी हालत अपनों के बीच ही किसी मुंबईया फिल्म के पिटे हुए 'खलनायक' सी हो गई है. हो नहीं गई है उसकी हालत हिंदुस्तानी एजेंसियों ने खराब कर डाली है. बिना आवाज की 'चोट' के यानी खामोश रहकर ही. इसके बाद भी मगर हिंदुस्तानी हुकूमत और उसकी जांच व खुफिया एजेंसियां, इस 'फ्लॉप मास्टरमाइंड' को लेकर चिंतित हैं! इन तमाम सनसनीखेज तथ्यों का खुलासा किया है भारतीय खुफिया एजेंसी 'रॉ' (RAW) की सेवा के दौरान कई साल लंदन (London) में तैनात रहकर, खालिस्तान समर्थकों (Khalistan Supporter) की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने वाले, रॉ के पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी एन के सूद (NK Sood Ex Raw Officer) ने. एन के सूद ने इन हैरान करने वाली शंका-आशंकाओं को टीवी9 के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान बताया है. एन के सूद रॉ के अपने कार्यकाल के दौरान कई साल, भारत में ही रहकर भी ईरान, इराक, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नेपाल पर पैनी नजर रखने की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. उनके मुताबिक, "मैंने लंबे समय तक खालिस्तान मूवमेंट पर भी नजर रखी है. मैं रॉ की लंबी नौकरी के अनुभव से कह सकता हूं कि, अमृतपाल सिंह ही पस्त नहीं हुआ है. उसे खड़ा करने की नाकाम कोशिश करने वाले देश (ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका) भी इस हार से बौखलाए बैठे होंगे! अमृतपाल सिंह का असली चेहरा जमाने के सामने आ चुका है, यह बताने की जरूरत नहीं है. हां, इतना जरूर कह सकता हूं कि, हिंदुस्तानी हुकूमत और हमारी जांच व खुफिया एजेंसियों ने जिस तरह से अमृतपाल को हाथ लगाए बिना ही उसे बे-मतलब ही दौड़ा-दौड़ा कर हांफने को मजबूर कर दिया, वो वास्तव में देश की कुशल कूटनीति-रणनीति का सबूत जरूर है. इसे भी पढ़ें :- होशियारपुर में दो सगे भाइयों ने भगौड़े अमृतपाल को दी थी पनाह, अब पंजाब पुलिस ने किया गिरफ्तार अमृतपाल की गिरफ्तारी भारत विरोधी ताकतों की साबित होती जीत टीवी9 के एक सवाल के जवाब में एनके सूद बोले, हो सकता है कि मेरा यह सोचना कुछ हद तक गलत भी साबित हो जाए. मगर आज अमृतपाल सिंह को जिस तरह से बिना छुए ही हमने (भारत और उसकी एजेंसियों) खामोश करके हांफने के लिए हलकान करके छोड़ दिया है. वो गजब का रास्ता है. ऐसा ही इसके साथ होना भी चाहिए था. अगर कहीं जल्दबाजी में शुरुआती दौर में इसी अमृतपाल सिंह के ऊपर हमने हाथ डालकर उसे गिरफ्तार करने की कोशिश जाने-अनजाने भी कर दी होती. तो वो हमारी बड़ी भूल और भारत विरोधी ताकतों की जीत का बड़ा रास्ता साबित हो जाती. हां, इतना जरूर है कि इस सबके बावजूद भी आज अगर अमृतपाल सिंह जान और अपनी बची-खुची इज्जत बचाने को भागता फिर रहा है. उसी अनुपात में हमारी हुकूमत और एजेंसियां भी परेशान होंगी!" जिस अमृतपाल सिंह को हाथ लगाए बिना ही हिंदुस्तानी हुकूमत ने जीने के काबिल न छोड़ा हो! उस बेदम अमृतपाल सिंह को लेकर एजेंसियां चिंतित क्यों होंगी? टीवी9 के इस सवाल के जवाब में रॉ (RAW) के पूर्व अधिकारी एनके सूद बोले, "दरअसल होता क्या है कि जब भी भारत विरोधी किसी ताकत के मंसूबों पर हमारी हुकूमत या फिर, किसी भी देश की हुकूमत, दुश्मन के किसी तगड़े प्लान को ध्वस्त कर देती है, तो उसकी तिलमिलाहट आमजन या मीडिया नहीं समझ सकता है. इसे भी पढ़ें :- Amritpal Singh News: अमृतपाल सिंह को लेकर नेपाल पुलिस भी अलर्ट, देश में एंट्री पर दिया यह जवाब जी-20 समिट को फ्लॉप करने का रचा जा रहा षड्यंत्र इस तिलमिलाहट को संबंधित देश या उसकी एजेंसियां और षडयंत्रकारी ही समझ सकते हैं. जिस तरह से बिना कुछ करे धरे, सिर्फ और सिर्फ एक बेहद सुलझी हुई रणनीति से भारत ने अमृतपाल सिंह से मोहरे को बेदम कर दिया है. भारत से हासिल इस हार की सीधी मार का दर्द तो सिर्फ वे देश ही समझ सकते हैं, जिन्होंने भारत में आयोजित होने वाली जी-20 समिट (G-20Summit) फ्लॉप करने-कराने का षड्यंत्र रचा था. वे सोच रहे थे कि कम-दिमाग अमृतपाल सिंह के कंधों पर बंदूक रखकर भारत में ले जाकर चलवा डालेंगे. जो हो नहीं सका. अमृतपाल सिंह को कहीं अपने ही न लगा दें ठिकाने ऐसे में कोई बड़ी बात नहीं कि अमृतपाल सिंह की अपनी हरकतों के चलते, भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले, कहीं अमृतपाल सिंह को उसके अपनों से ही उसे ठिकाने लगवाकर खामोश न करवा डालें! जैसा कि अक्सर इस तरह के मामलों में अतीत में दुनिया भर में देखने को मिलता रहा है. अगर आज के मौजूदा हालातों में अमृतपाल सिंह को जाने-अनजाने कहीं उसके अपनों ने ही, कुछ कर-करा के खामोश कर दिया, तो भी तो जिम्मेदारी का ठीकरा हिंदुस्तान और उसकी एजेंसियों के ही सिर फूटेगा न!" पूर्व रॉ अधिकारी एन के सूद आगे बोले, "मैं ये नहीं कह रहा हूं कि जो मैने आशंका जताई है वह शत-प्रतिशत सही ही साबित होगी. खुफिया एजेंसी की 38 साल की सेवा में जो अनुभव मैंने किया है, अमृतपाल सिंह से तमाम गुर्गों के मामलो में आंख से देखा है और खुद फेस भी किया है. उससे मैं अपने मन और अनुभव के आधार पर आशंका भर व्यक्त की है. हां, यह तय है कि जिस अमृतपाल सिंह को जमाना फरार-गायब बता रहा है, वो अमृतपाल सिंह हिंदुस्तानी एजेंसियों की नजरों में हर वक्त है! बस सही समय का इंतजार किया जा रहा है कि, कब किस मौके और कैसे या तो अमृतपाल सिंह, खुद ही हिंदुस्तानी एजेंसियों के पैरों में गिरकर पनाह मांग जाए.

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