Umesh Pal Murder Case: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 24 फरवरी की गोलीकांड अतीक ब्रदर्स के लिए काल बन गई, जिसमें आखिरकार वे खुद भी समा गए. भारी पुलिस सुरक्षा के बीच तीन लड़कों ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी. उमेश पाल मर्डर केस में दोनों भाई मुख्य साजिशकर्ता थे. दोनों की प्लानिंग को अतीक के बेटे असद अहमद ने एग्जीक्यूट किया था, जिसका पुलिस पहले ही एनकाउंटर कर चुकी है. उमेश पाल हत्याकांड में अतीक ब्रदर्स समेत अबतक 6 आरोपी मारे जा चुके हैं.
उमेश पाल बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या मामले में चश्मदीद थे, जिन्हें असद और उसके साथियों ने प्रयागराज में उनके आवास के बाहर गोलियों से भून दिया था. 24 फरवरी का यह गोलीकांड किसी फिल्म शूटिंग से कम नहीं था. घटना के सीसीटीवी फुटेज में खौफनाक गोलीबारी और बमबाजी देखी गई, जहां असद अहमद खुद उमेश पाल पर गोलियां बरसाते देखा गया था. उमेश पाल के साथ उनके दो सुरक्षा गार्ड भी मारे गए थे.
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उमेश के चार हत्यारे का एनकाउंटर
गोलीकांड-बमबाजी के अगले ही दिन उमेश की पत्नी ने अतीक, अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटे, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और नौ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसके बाद प्रयागराज पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. उमेश पाल की हत्या के तीन दिन बाद प्रयागराज पुलिस ने 27 फरवरी को असद और उसके गुर्गों के ड्राइवर को एनकाउंटर में मार गिराया. एक आरोपी उस्मान को भी पुलिस निपटा चुकी है. प्रयागराज में ही 6 मार्च को पुलिस ने उसका एनकाउंटर किया.
असद-गुलाम का झांसी में एनकाउंटर
प्रयागराज पुलिस को बड़ी कामयाबी तब मिली जब उन्हें अतीक के बेटे असद अहमद और उमेश पाल की हत्या में एक अन्य आरोपी गुलाम का पता चला. बकौल पुलिस उनके झांसी में होने की खबर मिलने के बाद एक टीम झांसी पहुंची. असद और गुलाम कथित रूप से पुलिस को देखकर भागने की कोशिश कर रहे थे. वे बाइक पर सवार थे और कथित रूप से पुलिस टीम पर कम से कम 40 राउंड फायरिंग की थी. आखिर में पुलिस टीम ने दोनों का 13 अप्रैल को एनकाउंटर कर दिया.
असद और गुलाम की एनकाउंटर के बाद तस्वीरें भी सामने आई. गोली लगने के बाद वे बाइक से गिर पड़े थे. बाइक भी असद के शव के बगल में पड़ा मिला. असद और गुलाम दोनों के हाथों में पिस्टल भी देखा गया, जिसमें दोनों की अंगुलियां ट्रिगर पर ही थी. इस तस्वीर पर खूब राजनीति भी हुई.
पुलिस कस्टडी में मारे गए अतीक ब्रदर्स
अब अतीक ब्रदर्स की हत्या पर भी विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है. अतीक अहमद, समाजवादी पार्टी से सांसद भी रह चुका है. वे गुजरात के साबरमती जेल से कोर्ट में पेश करने के लिए प्रयागराज लाए गए थे. कोर्ट ने उमेश पाल हत्याकांड में दोनों भाइयों को रिमांड पर भेजा था और वे पुलिस कस्टडी में थे. जंगलों में कथित रूप से हथियारों की तलाशी अभियान के बाद पुलिस दोनों भाइयों को मेडिकल चेक-अप के लिए अस्पताल ले जा रही थी, जब तीन बंदूकधारियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी.
अतीक ब्रदर्स पर गोली चलाने वाले तीनों हमलावरों ने पुलिस के सामने उसी वक्त सरेंडर कर दिया. बताया जा रहा है कि गोली बरसाने के साथ आरोपियों ने ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाए. तीनों आरोपियों की पहचान लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य के रूप में हुई है. अतीक के बेटे असद को कसारी मसारी कब्रिस्तान में दफ्न किया गया. उसके जनाजे में चंद लोग शामिल हुए थे और इस दौरान भारी पुलिस बलों की भी तैनाती थी.
अतीक को बेटे का चेहरा न देख पाने का मलाल
कब्रिस्तान से तीन किलोमीटर दूरी पर ही अतीक से पूछताछ किया जा रहा था, लेकिन वह बेटे का चेहरा नहीं देख सका. इसका उसे मलाल था. आखिरी समय में भी पत्रकार ने जब उससे पूछा कि वह अपने बेटे के जनाजे में क्यों नहीं गया, तो अतीक ने जवाब दिया, “पुलिस नहीं ले गई तो नहीं गया.” इतनी ही देर में एक हमलावर ने उसके सिर में गोली मारी और वह वहीं जमीन पर गिर पड़ा. देखते-ही-देखते दो हमलावर मौके पर पहुंचे और दोनों भाइयों की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर जान ले ली.
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