भोपाल । देश की सबसे अत्याधुनिक अनाज मंडी इंदौर में बनाने की मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने घोषणा की थी। सालभर पहले घोषणा हुई थी, लेकिन आज तक शिवराज के सपनों की मंडी को जमीन नहीं मिली। मंडी सचिव ने एक बार फिर जिला प्रशासन को जमीन आवंटित करने का आग्रह किया है ताकि मंडी बोर्ड से उस पर मुहर लगाई जा सके।
इंदौर तो ठीक आसपास के जिलों से भी किसान अपनी फसलों को बेचने के लिए छावनी अनाज मंडी आता है। अब मंडी छोटी पडऩे लग गई है तो दूसरी तरफ उसमें आने वाले वाहनों की वजह से तीन इमली से नौलखा क्षेत्र में रोज-रोज जाम लग जाता है। किसान से लेकर व्यापारी भी परेशान हैं। ढाई साल पहले जिला प्रशासन ने बायपास पर कैलोद करताल और माचला की 104 एकड़ जमीन तय किया था। प्रस्ताव मंडी बोर्ड के पास पहुंचा तो उन्होंने 150 एकड़ जमीन मांग ली। ये बात बाद में ठंडी हो गई।
बाद में मुख्यमंत्री चौहान के रुचि लेने पर नई मंडी को लेकर गति आई। तब मोरोद नेहरू स्थित 142.3320 हेक्टेयर जमीन पर मंडी बनने का प्रस्ताव तैयार हुआ। जिस पर शिवराज ने जून 2022 को अत्याधुनिक मंडी बनाने की घोषणा कर दी। उसके बाद से फाइल कछुए की चाल से चल रही है। अब तक शिवराज के सपनों की मंडी को जमीन नसीब नहीं हुआ है। हाल ही में इंदौर एयरपोर्ट पर कुछ भाजपा के पदाधिकारियों ने आग्रह किया तो मुख्यमंत्री चौहान ने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को तुरंत जमीन के आवंटन करने के निर्देश दिए। इस बीच मंडी सचिव ने भी कलेक्टर को एक पत्र लिखकर जमीन आवंटन की मांग की है। उन्होंने मोरोद नेहरू की 351.71 एकड़ जमीन शासकीय कृषि उपज मंडी समिति को आवंटित का कहा है ताकि हाईटेक स्मार्ट मंडी प्रांगण की स्थापना हो सके।
छावनी अनाज मंडी के शिफ्ट होने से सभी को फायदा होना है। किसानों को शहर में अपना अनाज लेकर नहीं आना पड़ेगा। दूसरी तरफ व्यापारी भी सुखी हो जाएगे, क्योंकि मंडी में कहीं न कहीं दबा- प्रभाव में उन्हें काम करना पड़ता है। आसामाजिक तत्वों की दादागीरी की कई बार शिकायतें हो चुकी हैं। उसके अलावा रोज-रोज लगने वाले जाम से शहर की जनता को निजात मिल जाएगी। उसके अलावा सरकार को भी राजस्व का फायदा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि अन्य जिलों से भी आवक तेज हो जाएगी। उसके अलावा रोजगार भी बढऩे की संभावनाएं हैं।
मोरोद नेहरू बायपास से लगा हुआ गांव है जहां पर नई मंडी प्रस्तावित है। यहां पर मंडी शिफ्ट होती है तो खंडवा, खरगोन, देवास और धार जिले के किसानों का सीधा कनेक्शन हो जाएगा। बाहर की बाहर वे आकर अपना माल बेच सकते हैं। वर्तमान में वे अपने ही जिले की मंडी में फसल बेचने के लिए जाना पड़ता है।
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