भोपाल।सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने, उत्पादों की क्वालिटी बेहतर करने सहित पर्यावरण संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार के एमएसएमई विभाग ने जेड सर्टिफिकेशन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत अपने प्लांट को अपडेट करने वाले छोटे उद्योगों को 80 फीसदी तक की सब्सिडी मिलेगी। एमएसएमई विभाग लगातार इस योजना की ब्रांडिंग कर रहा है। प्रदेश में इस स्कीम से हजारों सूक्ष्म और छोटे उद्योगों को फायदा होगा।
प्रदेश में उद्योगों के वायु और जल प्रदूषण की लगातार शिकायतें आ रही हैं, ऐसे में अपने उद्योगों को पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपडेट करने पर कई उद्योगों को फायदा मिलेगा। हाल ही में एआईएमपी के बैनर तल एमएसएमई विभाग ने इस स्कीम के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी किया था। उद्योगों में नई टेक्नोलॉजी लगाने पर भी सब्सिडी दी जाएगी। स्कीम का मुख्य उद्देश्य उद्योगों को जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट करना है। जेड सर्टिफिकेशन के तहत महिला उद्यमियों को सब्सिडी में 10 प्रतिशत अतिरिक्त लाभ मिलेगा। 50 हजार तक टेस्टिंग चार्जेस में छूट, बैंकों की प्रोसेसिंग फीस में छूट, रेलवे द्वारा फेट चार्जेस में 45 प्रतिशत तक छूट और राज्य सरकार द्वारा शेष फीस पर 50 प्रतिशत छूट जैसे कई फायदे सरकार देगी। अधिकारियों ने बताया आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत सरकार जेड प्रमाणीकरण योजना का लाभ उद्योगों को दे रही है। इससे इकाइयों की क्षमता बढ़ाने, उत्पादकता व गुणवत्ता में भी सुधार होगा। जेड सर्टिफिकेशन के लिए कुछ मानक तय किए हैं, जिनका पालन उत्पाद में किया जाना आवश्यक होगा।
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