प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की सुरक्षा में हुई चूक के कारणों का पता लगाने के लिए गृह मंत्रालय की टीम हर संभव कोशिश कर रही है. इस बीच, TV9 भारतवर्ष को EXCLUSIVE जानकारी मिली है कि गृह मंत्रालय की टीम ने तीनों SSP, फिरोजपुर के कंट्रोल रूम इंचार्ज समेत दूसरे अफसरों से मोबाइल लोकेशन से लेकर ड्यूटी रिकॉर्ड तक की मांग की है. इससे अंदाजा लगेगा कि प्रधानमंत्री के काफिले के वक्त अफसरों की रियल टाइम लोकेशन क्या थी.
पंजाब सरकार का कहना है कि पीएम ने ऐन वक्त पर रूट में बदलाव किया था. इसकी उन्हें जानकारी नहीं थी. लेकिन टीवी नाइन भारतवर्ष को पता चला है कि पंजाब के DGP और SPG अधिकारियों के बीच 5 जनवरी को पीएम मोदी के रूट को लेकर कम से कम 10 बार बातचीत हुई थी. ये कॉल उसी दौरान किए गए थे जब प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर फंसे हुए थे.
इस सबके बीच पीएम मोदी की सिक्योरिटी लैप्स के मामले में पंजाब के फिरोज़पुर में 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हो गई और इनपर धरना देकर ट्रैफिक बंद करने रास्ता रोकने वाली धारा 283 लगाई है. ये ऐसी धारा है जिसमें 200 रुपए जुर्माना देकर थाने से ही रिहाई हो सकती है.
कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह ने लगाया गंभीर आरोप
इस पूरे मुद्दे को लेकर आज एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए. कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह ने बेहद गंभीर आरोप लगाया. गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के काफिले को रोककर उनकी हत्या की साजिश रची गई थी. ड्रोन या टेलीस्कोपिक गन से पीएम की हत्या हो सकती थी. कैबिनेट मंत्री ने फ्लाईओवर को मौत का कुआं बता दिया. कहा कि पीएम तो महादेव की कृपा से बच गए.
इन सारे सवालों पर सुप्रीम कोर्ट की जांच से लेकर MHA की टीम विजिट को लेकर आज हमने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से EXCLUSIVE बातचीत की. वहीं आज कुछ नए और EXPLOSIVE वीडियो एविडेंस सामने आए हैं. ये वीडियो 5 जनवरी के ही हैं. उसी फ्लाईओवर के हैं. जहां पर पीएम मोदी का काफिला रुका रहा था..
पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर चूक कैसे हुई. इसकी सबसे नई तस्वीर सबसे नया वीडियो सामने आया. करीब 2 मिनट का वीडियो 20 मिनट तक पीएम मोदी के फ्लाईओवर पर रुके रहने की कहानी बयां करता है.
शुरुआत के दस सेकेंड में पंजाब पुलिस के जवान दिखते हैं. पंजाब पुलिस के जवान बस में मौजूद शख्स से बात कर रहे थे लेकिन इसी दौरान SPG का एक कमांडो फ्रेम में दिखता है. उसके हाथ में FN P 90 बेल्जियम मेड सब मशीन गन थी.
अगले दस सेकंड में पीएम मोदी की ब्लैक SUV दिखती है. इस SUV को कम से कम 5 SPG कमांडो एस्कॉर्ट कर रहे थे. प्रधानमंत्री SUV की फ्रंट सीट पर दिखाई दिए. इसके बाद SPG हरकत में आई मूवमेंट शुरू हुआ. फ्लाईओवर पर पीएम मोदी का काफिला क्यों रुका था. ये वीडियो के 24वें सेकंड में नजर आ गया. जिस जगह पंजाब पुलिस के जवान मौजूद थे उसके थोड़ा आगे प्रदर्शनकारी मौजूद थे. इनके हाथ में झंडे दिखाई दिए. लेकिन वीडियो देखकर ऐसा लगा जैसे रास्ता क्लीयर करने के लिए ज्यादा कोशिश नहीं की गई.
इसी वीडियो के 32वें सेकंड में कैमरा और जूम हुआ तब साफ साफ दिखाई दिया कि ये मुट्ठीभर प्रदर्शनकारी नहीं थे. इन्हीं संख्या काफी ज्यादा थी. धीरे-धीरे जब कैमरे के फ्रेम खुला तो काफी चीजें और क्रिस्टल क्रियर दिखाई दी. पंजाब पुलिस के जिन जवानों के पास प्रधानमंत्री मोदी की आउटर लेयर की सिक्योरिटी का जिम्मा थावो अपनी गाड़ियों के बाहर खड़े हुए थे. सबसे बड़ी बात तो ये थी कि जब पीएम मोदी का काफिला मूव होता है तो दोनों तरफ का रास्ता क्लीयर होता है. लेकिन वीडियो को बारिकी से देखने पर दिखाई दिया कि फ्लाईओवर पर आगे की तरफ यानी जिस जगह पीएम मोदी को हुसैनीवाला के लिए आगे बढना था वहां दोनों तरफ प्रदर्शनकारियो का ग्रुप मौजूद था.
सोचिए इसी तरह की सिचुशएन काफी देर तक रही. इसके बाद खुद प्रधानमंत्री ने इंटरवीन किया. वीडियो के पचासवें सेकंड में प्रधानमंत्री मोदी की ब्लैक SUV फिर से नज़र आई. सबसे पहले प्रधानमंत्री ने SUV के ड्राइवर की तरफ देखा. इसके बाद उन्होंने अपने बाहर खड़े SPG कमांडो की तरफ इशारा किया. उसे SUV के अंदर बुलाया. इतने में दूसरी तरफ मशीन गन लिए SPG कमांडो आगे की तरफ बढा. कुछ सेकंड के बाद पीएम की ब्लैक SUV का दरवाजा फिर खुला. कमांडो बाहर निकला और उसने फिर अपने दूसरे साथियों के साथ पूरी सिचुशएन को लेकर बात की. इसके बाद क्या हुआ. ये किसी से छिपा नहीं. सबकुछ पब्लिक डोमेन में है. प्रधानमंत्री बठिंडा से हुसैनीवाला के लिए जिस रोड रूट से आगे बढ़ रहे थे, रोड क्लीयरेंस नहीं होने के चलते उसी रूट से उन्हें वापस लौटना पड़ गया.
कांग्रेस की तरफ से भी जारी हुई वीडियो
वहीं पीएम की सिक्योरिटी में लापरवाही को लेकर…सुरक्षा में चूक को लेकर आज कांग्रेस की तरफ से भी एक वीडियो जारी किया गया. कांग्रेस पार्टी का दावा है कि ये वीडियो भी 5 जनवरी का है. उसी फ्लाईओवर का है जहां पीएम का काफिला फंस गया था. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जब पीएम के पास किसी को जाने की इजाजत नहीं होती तो फिर बीजेपी का झंडा उठाए कुछ लोग प्रधानमंत्री मोदी की कार के इतने नजदीक कैसे आ गए.
कांग्रेस की तरफ से इस वीडियो को लेकर सवाल उठाए गए कि क्या ये प्रधानमंत्री मोदी की सिक्योरिटी में लैप्स नहीं है हालांकि जब इस वीडियो को गौर से देखा तो ऐसा लगा कि जैसे इसी वीडियो का दूसरा एंगल पहले से ही सोशल मीडिया समेत तमाम दूसरे प्लैटफॉर्म पर मौजूद थे. आपको याद होगा पांच जनवरी को ये वीडियो काफी सर्कुलेट हुआ था. जब पीएम मोदी का काफिला यू टर्न लेने के लिए थोड़ा आगे बढ़ा था तब भी एक शख्स के हाथ में बीजेपी का झंडा दिखाई दिया और वहां मौजूद लोग मोदी जिंदाबाद के नारे लगाते दिखाई दिए.
इसीलिए सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी के कार्यकर्ता ही सही लेकिन ये पीएम की कार के इतने नजदीक कैसे पहुंच गए. उस वक्त पीएम की इनर लेयर सिक्योरिटी के तौर पर SPG का घेरा तो मौजूद था. लेकिन आसपास पंजाब पुलिस की सुरक्षा क्यों नहीं थी?
पीएम मोदी की सिक्योरिटी लैप्स को लेकर एक और बड़ा खुलासा
प्राइम मिनिस्टर की सिक्योरिटी लैप्स को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है. ऐसी जानकारी सामने आई है कि पंजाब पुलिस को किसानों के प्रदर्शनों से जुड़ी जानकारी पहले ही दे दी गई थी. TV9 भारतवर्ष के हाथ वो चिट्ठी लगी है जो प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात एसपीजी हेड ने 3 जनवरी को ही पंजाब पुलिस को भेज दी थी. इस चिट्ठी में बाकायदा कुछ किसान संगठनों और खालिस्तानी संगठनों के बारे में जानकारी दी गई है. लेटर में कहा गया कि ये संगठन प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान बाधा डालने और रास्ता रोकने जैसी कोशिश कर सकते हैं. एसपीजी की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम जिस जगह हो रहा है, वहां का एरियल डिस्टेंस पाकिस्तान बॉर्डर से महज 14 से 15 किलोमीटर की दूरी पर है. पीएम को लश्कर, जैश जैसे कई आतंकी संगठनों से धमकियां मिलती रही हैं. पंजाब में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन और खालिस्तानी गुट पहले से सक्रिय हैं. इसलिए प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय करने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने क्या कहा?
वहीं टीवी9 भारतवर्ष ने सुरक्षा चूक के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पहला इंटरव्यू लिया जिसमें फिरोजपुर से लेकर दिल्ली तक के एक्शन पर डिटेल जवाब है. इंटरव्यू में सीएम चन्नी का दावा है कि बीजेपी जानबूझकर बात को आगे बढ़ा रही है ताकी केंद्र सरकार पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगा सके. TV9 भारतवर्ष पर पंजाब के CM चन्नी ने एक और बड़ा दावा किया है. सीएम के मुताबिक बंगाल की तरह पंजाब में भी सीनियर अफसर हटाए जा सकते हैं. चीफ सेक्रेटरी, DGP, 4 SSP को नोटिस भेजा गया है. यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि पंजाब के लोगों को बदनाम किया जा रहा है. देश में पंजाब को खलनायक की तरह पेश किया जा रहा है.
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