पाकिस्तान (Pakistan) ने कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) को लेकर इस्लामाबाद में इंडियन चार्ज डी’अफेयर्स सुरेश कुमार को तलब किया है. पाक ने हिजाब पर हो रहे विवाद पर चिंता जाहिर करते हुए इसे निंदनीय कृत्य बताया है. डेली पाकिस्तान ने गुरुवार को बताया कि विदेश कार्यालय ने कहा कि इंडियन चार्ज डी’अफेयर्स (Indian Charge d’Affaires) को विदेश मंत्रालय में बुलाया गया था. इस दौरान पाकिस्तान ने कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं (Muslim Girls) पर हिजाब पहनने को लेकर लगाए जा रहे प्रतिबंध पर चिंता व्यक्त करते हुए इस घटना की निंदा की.
एफओ के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘चार्ज डी अफेयर्स से अपील की गई थी कि इस मामले पर पाकिस्तान के रुख से भारत सरकार को अवगत कराया जाए.’ हिजाब का विरोध जनवरी को कर्नाटक के उडुपी जिले के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज में शुरू हुआ, जब कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें हिजाब (मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला एक हेडस्कार्फ) पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी गई. दरअसल, प्री-यूनिवर्सिटी शिक्षा बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें कहा गया था कि छात्र केवल स्कूल प्रशासन द्वारा तय की गई वर्दी ही पहन सकते हैं. इसके अलावा कॉलेजों में किसी भी अन्य धार्मिक प्रथाओं की अनुमति नहीं दी जाएगी.
पाकिस्तान के कई मंत्रियों में नाराजगी
हालांकि सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान के कई मंत्रियों में नाराजगी है. इसलिए वो कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद में कूद पड़े हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने बुधवार को इस विवाद पर कहा कि मुसलमान लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना मौलिक मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हैं. कुरैशी ने ट्वीट किया, ‘मुसलमान लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना मौलिक मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है. किसी को इस मौलिक अधिकार से वंचित करना और हिजाब पहनने पर किसी को आतंकित करना दमनात्मक है.’
केंद्रीय मंत्री ने पाकिस्तान को दिया जवाब
वहीं, सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद हुसैन ने कहा कि भारत में जो चल रहा है वह भयावह है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘अस्थिर नेतृत्व में भारतीय समाज का तेज गति से पतन हो रहा है. हिजाब पहनना किसी भी अन्य परिधान की तरह व्यक्तिगत इच्छा है, नागरिकों को इसकी आजादी दी जानी चाहिए.’ पाकिस्तान के इन मंत्रियों के ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत के केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘किसी भी संस्थान के ड्रेस कोड, डिसिप्लिन (अनुशासन), डेकोरम डिसीजन (गरिमा बनाए रखने संबंधी निर्णय) को सांप्रदायिक रंग देना भारत की समावेशी संस्कृति के खिलाफ साजिश है.
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