चंडीगढ़ (Chandigarh) के सेक्टर 8 बाजार में धोखाधड़ी (Fraud) का आरोपी एक व्यक्ति गुरुवार को पुलिस कस्टडी (Police Custody) से फरार हो गया. आरोपी हिमांशु कक्कड़िया सेक्टर 42 का रहने वाला है. पुलिस ने बाद में बाजार में खड़ी उसकी टोयोटा फॉर्च्यूनर कार से एक पिस्टल बरामद की. पुलिस ने बताया कि उसे सूचना मिली थी कि मोहाली में धोखाधड़ी के मामले का सामना कर रहा हिमांशु सेक्टर 8 बाजार में मौजूद है. एक पुलिस नियंत्रण दल ने हिमांशु को हिरासत में लिया और उसे पीटने के लिए ले जाया गया. इस बीच मोहाली पुलिस की एक टीम भी मौके पर पहुंच गई, जिसमें तीन पुलिस कर्मी शामिल थे.
मोहाली के स्टेशन हाउस ऑफिसर नवीन पाल ने कहा कि हिमांशु को हिरासत में लेने के बाद उसके परिवार को सूचित किया गया. हालांकि, इससे पहले कि उसे मोहाली ले जाया जाता, वह अपनी पत्नी और उनके परिचित के साथ भागने में सफल रहा. इस संबंध में अलर्ट जारी किया गया है. सूत्रों ने बताया कि कक्कड़िया ने पुलिस को बताया कि वह पुलिस की गाड़ी में नहीं जाएगा, बल्कि खुद ही थाने पहुंचेगा.
हिमांशु पर 10 लाख रुपये ठगने का आरोप
चंडीगढ़ के पुलिस अधीक्षक केतन बंसल ने कहा कि हिमांशु के वाहन से हथियार बरामद होने के बाद उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 224 और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने इसके अलावा एसयूवी, हथियार और उसका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया है. मोहाली पुलिस के अनुसार, हिमांशु और उसके पिता कृष्ण कक्कड़िया पर जनवरी में सेक्टर 69 निवासी वीर प्रताप को 10 लाख रुपये ठगने का मामला दर्ज किया गया था. आरोपी ने शिकायत करने वाले व्यक्ति को पैसे के बदले उसे अमेरिका भेजने का आश्वासन दिया था. लेकिन उन्होंने न तो वादा पूरा किया और न ही पैसे वापस किए.
1.22 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में छह पर केस
दो दिन पहले विदेश भेजने के नाम पर 1 करोड़ 22 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में मोहाली के फेज-1 थाना पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ आइपीसी की धारा 406, 420 के तहत मामला दर्ज किया. फेज-2 निवासी अमित कक्कड़ ने एसएसपी मोहाली को दी शिकायत में बताया कि वह इमीग्रेशन का काम करता है. उसकी कुछ महीने पहले वरुण उतरेजा से चंडीगढ़ में मुलाकात हुई थी. वरुण उतरेजा ने उसे कहा था कि वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर लोगों को विदेश भेजने का काम करता है. शिकायतकर्ता के अनुसार उसने वरुण पर यकीन करके विदेश जाने वाले व्यक्तियों के दस्तावेज और पैसे वरुण व उसके दोस्तों को दे दिए. वरुण व उसके दोस्त उसे कई दिनों तक टालमटोल करते रहे. जब कई महीने बीत गए और उन्होंने वीजा नहीं बनवाया तो उसे यकीन हो गया कि वरुण उतरेजा व उसके दोस्तों ने उसके साथ करोड़ों की धोखाधड़ी की है.