Manipur Election Result 2022: मतगणना की घड़ी नजदीक आ गई है. सुबह करीब 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी. ऐसे में सबसे जेहन में यही सवाल उठता है कि क्या मणिपुर में सत्ता परिवर्तन होगा या फिर से ‘कमल’ खिलेगा. एक बार फिर से एन बीरेन सिंह के सिर ताज सजेगा. बता दें कि मतगणना से पहले बीजेपी (BJP) यहां के आने वाले नतीजों को लेकर आश्वस्त है तो वहीं कांग्रेस (Congress) को उम्मीद है कि वह इस राज्य में अपनी विरोधी को सत्ता में वापसी करने से रोक लेगी.
राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में अगले कुछ दिनों तक दो मुख्य दलों में से किसी एक के संभावित दबदबे की उम्मीद के बीच दोनों में से किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP), नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF), जद(यू) अहम भूमिका निभा सकते हैं. इम्फाल के मध्य में बीजेपी के राज्य कार्यालय में गुरुवार को आने वाले परिणामों की तैयारी में, कार्यालय परिसर की सफाई और चारदीवारी पर पार्टी के नए झंडे लगाने में व्यस्त कार्यकर्ता उत्साहित नजर आए.
मणिपुर में मतगणना की निगरानी करेंगे जदयू सांसद
भारतीय जनता पार्टी (BJP)के सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) ने बुधवार को कहा कि उसके पांच सांसद मणिपुर विधानसभा चुनाव की मतगणना पर नजर रखने के लिए गुरुवार को इंफाल में डेरा डालेंगे. पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने यह जानकारी दी.जदयू महासचिव और पूवोत्तर क्षेत्र के प्रभारी अफाक अहमद खान ने एक बयान जारी कर कहा, ‘अगर मतगणना के दौरान पार्टी को जदयू उम्मीदवारों से किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोई शिकायत मिलती है तो सांसद संबंधित मतगणना केंद्रों के सामने धरने पर बैठेंगे.’जदयू भले ही भाजपा का सहयोगी दल है, लेकिन पार्टी ने उत्तर प्रदेश और मणिपुर जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ा है, क्योंकि भगवा दल ने गठबंधन का उसका प्रस्ताव ठुकरा दिया था.
एग्जिट पोल ने BJP की जीत की भविष्यवाणी
वहीं, विभिन्न एग्जिट पोल ने राज्य में बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी की है, जिसमें पार्टी को 23 से 43 तक की सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है जबकि कांग्रेस को चार से 17 सीटों के बीच मिलने की भविष्यवाणी की गई है. एनपीपी के भी 4-14 सीटें जीतने का अनुमान है, जबकि भाजपा की सहयोगी एनपीएफ को 2-8 सीटें मिलने की उम्मीद एग्जिट पोल में की गई है. बता दें कि कांग्रेस 2017 के चुनावों में 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी लेकिन बीजेपी ने उसके चुने हुए सदस्यों को अपने पाले में मिलाकर सरकार बना ली थी.
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