प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra modi) आज शुक्रवार को होली के दिन मलयालम दैनिक ‘‘मातृभूमि’’ (mathrubhumi) के शताब्दी वर्ष के अवसर पर साल भर आयोजित किए जाने समारोहों का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आज पूर्वाह्न 11 बजे मलयालम दैनिक ‘मातृभूमि’ के शताब्दी वर्ष के क्रम में वर्ष भर चलने वाले समारोहों का उद्घाटन करेंगे.
‘मातृभूमि’ के 15 संस्करण और 11 पत्र-पत्रिकाएं
मलयालम दैनिक ‘मातृभूमि’ का प्रकाशन 18 मार्च, 1923 से आरंभ हुआ था. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि सामाजिक सुधारों तथा विकास संबंधी मुद्दों को आगे बढ़ाने में यह दैनिक अग्रणी भूमिका निभाता रहा है और साथ ही वह राष्ट्रीय हितों के मुद्दों को भी उजागर करता रहा है. मलयालम दैनिक ‘‘मातृभूमि’’ दक्षिण भारत के प्रतिष्ठित अखबारों में से एक है और आज भी इसकी महत्ता बनी हुई है.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘‘मातृभूमि’’ के 15 संस्करण और 11 पत्र-पत्रिकाएं हैं. इसके अलावा ‘मातृभूमि बुक्स’ प्रभाग विस्तृत सम-सामयिक विषयों पर पुस्तकों का प्रकाशन करता है.
आस्ट्रेलियाई PM के समकक्ष 21 को बैठक करेंगे मोदी
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके आस्ट्रेलियाई समकक्ष स्काट मॉरिसन 21 मार्च को डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक करेंगे जिसमें दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने के रास्ते तलाशेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कल साप्ताहिक प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन 21 मार्च को दूसरे भारत आस्ट्रेलिया डिजिटल शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे . पहली बैठक जून 2020 में हुई थी.
बागची ने कहा कि बैठक में दोनों देशों के संबंधों और विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी. दोनों देश कारोबार, निवेश, आवजाही, शिक्षा, विज्ञान प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के रास्तों पर विचार करेंगे.
बैठक के दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेता साझा हितों से जुड़े क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विषयों पर विचारों का आदान प्रदान करेंगे. गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षो में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच संबंध तेजी से आगे बढ़े हैं. जून 2020 में भारत और आस्ट्रेलिया ने अपने संबंधों के स्तर को बढ़ाकर समग्र सामरिक स्तर तक कर दिया था. दोनों देशों ने एक दूसरे के लाजिस्टिक सहयोग के लिये सैन्य अड्डों तक पहुंच प्रदान करने का समझौता भी किया था.
इनपुट-भाषा
ये भी पढ़ें