रूस (Russia) के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को देश का असली देशभक्त बताया है. लावरोव ने कहा कि भारत रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine War) युद्ध के बीच मॉस्को से होने वाले आयातों में कटौती करने को बढ़ते दबाव के बीच अपनी खुद की विदेश नीति तय करेगा. सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने कहा, ‘एस जयशंकर एक अनुभवी राजनयिक और अपने देश के असली देशभक्त हैं, क्योंकि जब उन्होंने कहा कि हम अपने देश के फैसले इस आधार पर करेंगे कि भारत को अपनी सुरक्षा और विकास के लिए किस चीज की जरूरत है. ऐसा बहुत सारे देश नहीं कह पाते हैं.’ भारत और रूस के बीच दशकों पुराने संबंध हैं.
दरअसल, अमेरिका में रूस के साथ संबंधों को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में जयशंकर (S Jaishankar) ने ये जवाब दिया था. इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस खाद्य सुरक्षा, रक्षा या रणनीतिक क्षेत्रों के लिए अपने किसी भी पश्चिमी सहयोगी पर भरोसा नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘हम उन सभी देशों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उल्लंघन के लिए नाजायज तरीकों का इस्तेमाल नहीं करते हैं. और भारत उनमें से एक देश है. हम द्विपक्षीय सहयोग करते हैं.’ भारत और रूस के संबंध दशकों पुराने हैं. लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद भारत पर रूस के साथ रिश्तों पर पुनर्विचार करने का दबाव बनाया जा रहा है.
भारत-रूस संबंधों पर क्या बोले रूसी विदेश मंत्री?
भारत-रूस संबंधों को लेकर बात करते हुए सर्गेई लावरोव ने कहा, ‘भारत हमारा पुराना दोस्त है. हमने बहुत पहले अपने रिश्ते को ‘रणनीतिक साझेदारी’ कहा था. फिर करीब 20 साल पहले भारत ने कहा कि हम अपने रिश्ते को ‘विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ क्यों नहीं कहते? और कुछ वक्त बाद भारत ने कहा कि हमें अपने रिश्तों को ‘विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ कहना चाहिए. यह किसी भी द्विपक्षीय संबंध के अनूठेपन को दिखाता है.’
रूसी विदेश मंत्री ने मेक इन इंडिया को लेकर भी बात की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ योजना के लिए रूसी सरकार के समर्थन के बारे में बात की. लावरोव ने कहा, ‘भारत में हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ की अवधारणा का समर्थन किया है. हमने स्थानीय उत्पादन के साथ साधारण व्यापार को प्रतिस्थापित करना शुरू कर दिया. भारत के लिए जरूरी वस्तुओं के उत्पादन को उनके क्षेत्र में ट्रांसफर किया गया.’
रक्षा जरूरतों पर क्या बोले रूसी विदेश मंत्री?
सर्गेई लावरोव ने जोर देकर कहा कि रूस भारत को रक्षा क्षेत्र में किसी भी जरूरत के मुताबिक, उसे जो भी मदद कर सकता है, वह उसे करता रहेगा. रूसी विदेश मंत्री ने कहा, ‘रक्षा क्षेत्र में हम भारत को उसकी जरूरत की हर चीज मुहैया करा सकते हैं. रक्षा सहयोग के संदर्भ में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भारत के किसी भी बाहरी भागीदार के लिए बिल्कुल अभूतपूर्व है.’ भारत रूस के सबसे बड़े रक्षा खरीददारों में से एक है.