कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने लंदन में ब्रिटिश सांसद जेरेमी कोरबिन (Jeremy Corbyn) से मुलाकात की. राहुल की मुलाकात पर भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कोरबिन के साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि कोई व्यक्ति कितने समय और कितना अपने खुद के देश के खिलाफ जा सकता है. बता दें कि कोरबिन के बारे में कहा जाता है कि वह भारत को बदनाम करने के लिए कई विवादित बयान दे चुके हैं. केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू (kiren rijiju) और भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कोरबिन से राहुल गांधी की मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक ऐसे ब्रिटिश नेता से भेंट की है जो भारत से कश्मीर के अलगाव की पैरवी करता है.
रीजीजू ने ट्वीट कर कहा, ‘राहुल गांधी ने ब्रिटिश सांसद और लेबर नेता जेरेमी कोरबिन से मुलाकात की, जो भारत के लिए अपनी नफरत और नापसंदगी के लिए जाने जाते हैं. वह कश्मीर के अलगाव की पैरवी करते हैं.’ उन्होंने कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए सवाल किया, कोई व्यक्ति कितने समय और कितना अपने खुद के देश के खिलाफ जा सकता है?’
Again.. Rahul Gandhi meets UK MP and Labour leader Jeremy Corbyn who is known for his hatred and dislike for India, advocates Kashmir’s secession.
For how long and how much one can go on against one's own country? pic.twitter.com/74KgaeZKBB
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 24, 2022
राहुल को भारत को बदनाम करने वाला साथी मिल गया-अमित मालवीय
बता दें कि रीजीजू और मालवीय ने जो तस्वीर साझा की है, उसमें कोरबिन और राहुल गांधी के साथ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा भी नजर आ रहे हैं. राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन दौरे पर हैं, जहां वह सोमवार को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक संवाद सत्र में भी शामिल हुए थे. वहीं मालवीय ने ट्वीट कर कहा, ‘ब्रिटिश सांसद और लेबर नेता जेरेमी कोरबिन के साथ राहुल गांधी. कोरबिन भारत के प्रति असीमित द्वेष रखने के लिए जाने जाते हैं, वह कश्मीर के अलगाव की पैरवी करते हैं और स्पष्ट रूप से हिंदू विरोधी हैं. राहुल गांधी को आखिरकार उनका वो विदेशी साथी मिल गया है, जो उनकी तरह खुलकर भारत को बदनाम करता है.’
Rahul Gandhi with UK MP and Labour leader Jeremy Corbyn.
Jeremy is known for his visceral dislike for India, advocates Kashmir’s secession and is unequivocally anti-Hindu.
Gandhi has finally found his overseas collaborator, who denigrates India with the same impunity as him. pic.twitter.com/Cn9U4fsCCK
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 24, 2022
कांग्रेस का पलटवार
उधर, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कोरबिन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात की तस्वीरें साझा की और सवाल किया कि क्या इस मुलाकात का यह मतलब है कि प्रधानमंत्री भी भारत के बारे में कोरबिन के विचारों का समर्थन करते हैं? मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि अलग विचार रखने वाले विदेशी नेताओं से भारत के नेता पहले भी मिलते रहे हैं और आगे भी मिलते रहेंगे. इस पर सुरजेवाला ने मोदी और कोरबिन की मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘मैं मीडिया के अपने मित्रों से पूछना चाहता हूं कि इस तस्वीर में मौजूद में दो व्यक्तियों को पहचानिए. क्या आप वही सवाल इनसे भी पूछ सकते हैं? क्या इस मुलाकात का मतलब यह है कि प्रधानमंत्री भारत के बारे में कोरबिन के विचारों का समर्थन करते हैं?
Finally, May I also ask our Media Friends to identify the two men in picture below and ask the same questions?
Does it mean PM has endorsed Jeremy Corbyn’s views on India?@IndiaToday @CNNnews18 pic.twitter.com/vpyvJGpIFu
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 24, 2022
सुरजेवाला ने क्या कहा?
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘नेता दूसरे नेताओं से पहले भी मिलते रहे हैं और आगे भी मिलते रहेंगे, जिनके विचार उनसे नहीं भी मिलते. राहुल गांधी जी का उस व्यक्ति के साथ तस्वीर लेना अपराध या आतंकवाद का कृत्य नहीं है, जिसकी राय हमसे अलग है.’ उन्होंने सवाल किया, ‘अगर (मुलाकात नहीं करने का) यह आधार है तो फिर सवाल पूछा जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने दावोस में नीरव मोदी के साथ तस्वीर क्यों खिंचवाई? उस वीडियो का क्या जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, मेहुल चोकसी को ‘हमारे मेहुल भाई’ कहते देखे जा सकते हैं? प्रधानमंत्री ने शी चिनफिंग से मुलाकात क्यों की, जब चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है?’
सुरजेवाला ने पूछा- नवाज शरीफ से PM मोदी ने क्यों की मुलाकात?
सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया, ‘प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ से मुलाकात क्यों की? क्या सरकार यह वादा करेगी कि ऐसे किसी व्यक्ति के साथ मुलाकात नहीं होगी, जिसके हमसे अलग विचार हों?’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा के दुष्प्रचार पर नहीं, असल मुद्दों पर चर्चा करने का समय है.’
(भाषा से इनपुट के साथ)