महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) को अरेस्ट करने के मामले में एक बड़ी अपडेट सामने आई है. संसदीय समिति (Parliamentary Committee) ने सांसद की शिकायतों पर गौर करते हुए 15 जून को राज्य के अधिकारियों को दिल्ली में हाजिर होने का आदेश दिया है. महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ (Rajneesh Seth DGP Maharashtra), मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे (Sanjay Pandey Mumbai Police Commissioner) को दिल्ली में हाजिर होने के लिए कहा गया है. भायखला जेल के अधीक्षक यशवंत भानुदास को भी दिल्ली आने का आदेश दिया गया है. इतना ही नहीं राज्य के मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव (Manu Kumar Shrivastava Chief Secretary Maharashtra) को भी दिल्ली हाजिर होने के लिए कहा गया है.
15 जून को दिल्ली में दोपहर साढ़े बारह बजे नवनीत राणा द्वारा की गई शिकायतों पर सुनवाई होनी है. नवनीत राणा ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनके साथ पुलिस लॉक अप में ठीक तरह से व्यवहार नहीं किया गया था. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर कहा था कि उन्हें पानी भी नहीं दिया गया था. उनके दलित होने को लेकर जातिसूचक बातें कही गईं. वॉशरुम जाने की भी इजाजत नहीं दी गई.
मुंबई पुलिस कमिश्नर ने वीडियो किया था जारी, वीडियो का सच भी गया था उलझ
नवनीत राणा के इस आरोप को गलत ठहराने के लिए मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे ने अपने ट्विवटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया था. इस वीडियो में नवनीत राणा पुलिस स्टेशन में चाय पीते हुए दिखाया गया था. लेकिन बाद में राणा दंपत्ति ने इसके जवाब में कहा कि संजय पांडे ने वीडियो खार पुलिस स्टेशन का जारी किया है. जबकि उनके साथ गलत व्यवहार सांताक्रूज पुलिस स्टेशन में किया गया था.
सांसद नवनीत राणा को जेल से छूटने के दूसरे दिन ही पीठ दर्द की वजह से लीलावती अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. अस्पताल से छूटने के बाद राणा दंपत्ति ने आरोप लगाया कि जेल अधिकारियों को यह पता होते हुए भी कि उन्हें पीठ में दर्द है, फर्श पर बैठने और सोने को मजबूर किया गया. इस वजह से उनका दर्द और भी बढ़ गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. नवनीत राणा ने यह भी आरोप लगाया कि उनके बार-बार अपील करने पर भी उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए टालमटोल किया जाता रहा. ये सारी शिकायतें नवनीत राणा ने लोकसभा क्या सफाई देती है, इस पर सबकी नजरें लगी हुई हैं.