दिल्ली सरकार (Delhi Government) के वित्त पोषित बारह कॉलेजों में अनियमित और अपर्याप्त ग्रांट और कॉलेज ऑफ आर्ट को दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) से असम्बद्ध किए जाने के मुद्दे पर आक्रोश जताते हुए बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर कैंडल लाइट मार्च का आयोजन किया. इस अवसर पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए डूटा अध्यक्ष डा एके भागी ने कहा कि वेतन शिक्षक का अधिकार है. वेतन को समय पर जारी न करना दिल्ली सरकार की अमानवीयता और असंवेदनशीलता को दर्शाता है. डूटा अध्यक्ष के अनुसार अनियमित और अपर्याप्त ग्रांट देना अमानवीय और अवैधानिक है.डूटा अध्यक्ष ने मांग की कि दिल्ली सरकार को तुरंत प्रभाव से ग्रांट जारी करनी चाहिए ताकि 12 पूर्ण वित्त पोषित कॉलेज कर्मचारियों और शिक्षकों का समय पर वेतन, मेडिकल एरियर्स, एलटीसी, चिल्ड्रन एजुकेशन एलाउंस व अन्य सुविधाएं मिल सकें.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से यह भी मांग की गई है कि प्रमोशन और आम रख रखाव के लिए भी समय पर ग्रांट उपलब्ध कराई जाए. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के आरक्षण को लागू करने के लिए अतिरिक्त सीटें भी उपलब्ध कराई जाएं. अतिरिक्त कर्मचारी और शिक्षण पदों की स्वीकृति भी तुरंत प्रदान की जाए.
दिल्ली सरकार का गैर जिम्मेदार रवैया : डा एके भागी
डूटा अध्यक्ष डा एके भागी ने बताया कि दिल्ली सरकार का डीयू को पत्र जारी कर कॉनस्टिट्यूएंट कॉलेजों को एफिलिएटेड कॉलेज कहना बताता है कि दिल्ली सरकार इन कॉलेजों की स्थिति को बदलना चाहती है. डा भागी ने बताया कि नियमित और पर्याप्त ग्रांट की समस्या को लेकर उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सभी से गुहार लगा चुके है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष रामबीर विधूड़ी तो इस संबंध में लिखित रूप से सरकार से जल्द राहत की मांग कर चुके है. बावजूद इसके राहत न मिलना दिल्ली सरकार के स्तर पर जारी गैर जिम्मेदार रवैये को प्रदर्शित करता है. डॉ. भागी ने कहा कि सरकार के इस रूख से साफ है कि उसकी नीयत में खोट है और वह शिक्षकों को राहत देने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि हम इस अनावश्यक राजनीति से प्रेरित होकर वेतन जारी करने में देरी और सरकार के लापरवाह रवैये की कड़ी निंदा करते हैं.
कैंडल लाइट मार्च में दिल्ली सरकार के वित्त पोषित विभिन्न कॉलेजों के शिक्षकों सहित बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित हुए।डूटा उपाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने भी इस अवसर पर उपस्थित शिक्षकों को संबोधित किया। डूटा उपाध्यक्ष डा प्रदीप कुमार ने कॉलेज आफ आर्ट को लेकर दिल्ली सरकार की आलोचना की।