इसरो के अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ (ISRO Chairman Dr S Somanath) ने शनिवार को कोयंबटूर में कहा कि सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र में काफी सुधार करना चाहती है. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्पेस पॉलिसी (Space Policy 2022) तैयार की गई है, जिसके तहत हम निजी संस्थाओं को इमेजिंग उपग्रहों के स्वामित्व और संचालन की अनुमति देंगे. एस सोमनाथ ने कहा कि अब तक इमेजिंग उपग्रह केवल इसरो और रक्षा के स्वामित्व में था, लेकिन अब निजी संस्थाएं भी उनका स्वामित्व कर सकती हैं.
वहीं, निवेश के संबंध में इसरो के अध्यक्ष ने कहा कि यह भारतीय कंपनियों के लिए 100 फीसदी होगा. उन्होंने कहा कि FDI को विनियमित किया जाएगा और 70 फीसदी से अधिक होने पर सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी. डॉ सोमनाथ ने आगे कहा कि निजी संस्थाएं रॉकेट का स्वामित्व, विकास और प्रक्षेपण भी कर सकती हैं. वे एक लॉन्च पैड भी बना सकते हैं.
Govt wants to reform the space sector. Space Policy 2022 has been prepared in which we allow private entities to own & operate satellites. So far, imaging satellites are only owned by ISRO & Defence but now Pvt entities can also own them: ISRO Chairman Dr S Somanath in Coimbatore pic.twitter.com/eB1oD3TSgU
— ANI (@ANI) July 9, 2022
अंतरिक्ष क्षेत्र में नए रास्ते बनाना हमारा लक्ष्य
इसरो के अध्यक्ष ने कहा कि हमारा लक्ष्य अंतरिक्ष क्षेत्र में नए रास्ते बनाना है. डॉ सोमनाथ ने कहा कि इस साल कई मिशनों की योजना है. हम हाल ही में विकसित छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) को इस महीने के अंत तक या अगस्त की शुरुआत में लॉन्च करेंगे. गगनयान कार्यक्रम के लिए टेस्ट और ट्रायल जारी हैं.
Coimbatore | There are many missions planned for this year. We will launch recently developed small satellite launch vehicle (SSLV) by this month-end or at the beginning of August… Test and trials are on for the Gaganyaan program: ISRO Chairman Dr S Somanath pic.twitter.com/fNDLdNsLXi
— ANI (@ANI) July 9, 2022
पिछले महीने ISRO ने हासिल की थी खास उपलब्धि
इसरो ने पिछले महीने पीएसएलवी-सी53 के तहत सिंगापुर की तीन सैटेलाइट को लॉन्च किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष में भारतीय स्टार्ट-अप के दो पेलोड भेजने की उपलब्धि हासिल करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पीएसएलवी सी53 मिशन की शुक्रवार को प्रशंसा की थी और भरोसा जताया था कि कई और भारतीय कंपनियां निकट भविष्य में अंतरिक्ष में पहुंचेगी. बता दें कि इसरो ने एक सप्ताह के भीतर अपने दूसरे सफल मिशन में श्रीहरिकोटा स्थित प्रक्षेपण स्थल से तीन विदेशी उपग्रहों को को पीएसएलवी सी53 से अंतरिक्ष की सटीक कक्षा में स्थापित किया था.