मणिपुर (Manipur) में गुरुवार सुबह भूस्खलन होने से सात लोगों की मौत हो गई. राज्य के नोनी जिले के तुपुल रेलवे निर्माण स्थल (Railway Construction Site) पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन (Landslide) हुआ. इस घटना में सात लोगों की मौत हुई है. जब यह घटना हुई तब उस समय निर्माण स्थल पर लगभग 81 लोग मौजूद थे. खराब मौसम और भारी बारिश के कारण बचावकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. स्थानीय अधिकारी ने बताया कि अभी 55 लोग के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. ये सभी घटनास्थल पर ही मौजूद थे. भूस्खलन की घटना करीब देर रात 2 बजे हुई थी.
भूस्खलन में सात लोगों की मौत
स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि मणिपुर राज्य के एक इलाके में बड़े पैमाने पर भूस्खलन होने के बाद कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है. जबकि 55 लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. गुरुवार की तड़के नोनी जिले के तुपुल रेलवे निर्माण स्थल पर भूस्खलन के बाद मलबे से 19 लोगों के शवों को निकाला जा सका था. इस घटना में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचावकर्मियों को भारी बारिश और खराब मौसम से जूझना पड़ा. बचाव कार्य में लगे कर्मचारियों ने कहा है कि और लोगों के मिलने की संभावना कम है.
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, “मणिपुर में तुपुल रेलवे स्टेशन के पास भूस्खलन के मद्देनजर मणिपुर के CM एन बीरेन सिंह और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। बचाव कार्य जारी है। NDRF की एक टीम मौके पर पहुंच गई है और बचाव कार्य कर रही है, 2 और टीमें रास्ते में हैं।” pic.twitter.com/zOyQMQCHub
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 30, 2022
घटना तड़के सुबह 2 बजे हुई
जानकारी के मुताबिक घटनास्थल में लगभग 81 लोग थे. भूस्खलन का शिकार हुए बचे हुए 55 लोगों के बचने की संभावना बहुत कम है. नोनी के जिला मजिस्ट्रेट, हौलियानलाल गुइटे ने कहा कि भूस्खलन लगभग 2 बजे हुआ था. बता दें कि इस महीने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और पड़ोसी बांग्लादेश में भारी बारिश हुई है. इसके कारण हुईंं घटनाओं में 150 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
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बारिश ने पहले भी बरपाया है कहर
हाल ही के हफ्तों में विनाशकारी बाढ़ से लाखों लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं और कुछ निचले इलाकों में बाढ़ से घर डूब गए हैं.
भारतीय सेना के एक बयान में कहा गया है कि सेना के हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय पर थे और भूस्खलन स्थल पर बचाव कार्यों में सहायता कर रहे थे. सेना के हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय पर हैं. लेकिन खराब मौसम और अधिक भूस्खलन होने के कारण बचाव कार्यों में दिक्कतें का आ रही हैं.
मणिपुर के मुख्यमंत्री नोंगथोम्बम बीरेन सिंह ने एक बयान में कहा कि उन्होंने स्थिति का आकलन करने के लिए एक आपात बैठक बुलाई है. घटनास्थल पर और लोगों की खोज और बचाव के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इसमें मदद के लिए डॉक्टरों के साथ-साथ एम्बुलेंस भी भेजी गई हैं. स्थानीय प्रशासन की ओर से कहा गया है कि भूस्खलन से इजेई नदी के बहाव रुक गया है, जिससे बांध जैसा स्थिति बन गई है. स्थानीय प्रशासन द्वारा लोगों को सावधानी बरतने की भी सलाह दी गई है.