भारत और चीन दोनों के न्यूक्लियर प्रोग्राम NFU- No first Use पर आधारित हैं. यानी कोई पहले एटम बम का इस्तेमाल नहीं करेगा. भारत और चीन दोनों ने ही टेंशन की सूरत में भी कभी एक दूसरे को न्यूक्लियर हथियारों की धमकी नहीं दी है. भारत की न्यूक्लियर स्ट्रैटजी के केंद्र में पाकिस्तान जबकि चीन अमेरिका और रूस को ध्यान में रखकर न्यूक्लियर ताकत को बढ़ा रहा है. चीन ने कभी-भी भारत की बढ़ती न्यूक्लियर ताकत को खतरे के तौर पर नहीं देखा है. पिछले कुछ सालों में चीन-पाकिस्तान नेक्सस को देखते हुए भारत के न्यूक्लियर प्रोग्राम का परसेप्शन बदला है. देखें खास वीडियो….
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