
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव दोनों शनिवार को यानी आज हैदराबाद में अलग-अलग ’17 सितंबर समारोह’ में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे. इस समारोह के बीच हैदराबाद में एक गहन प्रतिस्पर्धा वाला राजनीतिक माहौल बन गया है. केंद्र सरकार पहली बार 17 सितंबर को ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मना रही है. भारत की आजादी के एक साल से भी ज्यादा समय के बाद निजाम के अधीन रहे पूर्वी हैदराबाद राज्य का इसी दिन भारतीय संघ में विलय हुआ था.
तेलंगाना सरकार ने इस दिन को ‘तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस’ का नाम दिया है. इसे मनाने के लिए तेलंगाना सरकार ने तीन दिवसीय उत्सव की घोषणा की है. 17 तारीख यानी आज राज्य में सरकारी छुट्टी घोषित कर दी गई है. यही नहीं, सरकारी दफ्तर, स्कूल और कॉलेज भी आज बंद रहेंगे. ये समारोह मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव का राज्य में अगले साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण संदेश है. केसीआर पिछले काफी दिनों से केंद्र की राजनीति में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए लगातार विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं.
Telangana | Union Home Minister Amit Shah participates in Telangana Liberation Day celebrations at Parade Ground, Hyderabad pic.twitter.com/DWFyhvQJFE
— ANI (@ANI) September 17, 2022
‘सेवा पखवाड़ा’ कार्यक्रम में लेंगे हिस्सा
टीआरएस और मुख्यमंत्री केसीआर बीजेपी के समारोह को संदेह की नजरों से देख रहे हैं और इसे वो बीजेपी का एक विभाजनकारी एजेंडा बता रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिकंदराबाद के आर्मी परेड ग्राउंड में केंद्र के समारोह की अध्यक्षता की. उस समय के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को दरकिनार करके बीजेपी के नेता बताते हैं कि 1948 में भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हैदराबाद के भारत में विलय के बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. वहीं, अमित शाह प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदीके जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए सिकंदराबाद के सिख विलेज ‘सेवा पखवाड़ा’ (कार्यक्रम) नामक एक अन्य कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे, जिसमें दिव्यांग लोगों को अलग-अलग समान बांटे जाएंगे.
केसीआर नहीं होंगे शामिल
बीजेपी ने आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार के चल रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के लिए ‘हैदराबाद की मुक्ति’ के वार्षिक समारोहों को टैग किया है. तेलंगाना के केसीआर को भी आमंत्रित किया गया है. हालांकि उनके कई और प्लान हैं. वह राष्ट्रीय एकता दिवस को चिह्नित करने के लिए अपनी सरकार के आधिकारिक समारोह के लिए उपस्थित रहेंगे. एक ही दिन को लेकर केंद्र और राज्य द्वारा अलग-अलग समारोह प्रतिस्पर्धी राजनीति को एक नए स्तर पर ले जा रहा है. अमित शाह और केसीआर दोनों अलग अलग जनसभाओं को संबोधित करेंगे.
बीजेपी-केसीआर में जंग
केसीआर की पार्टी बीजेपी से सवाल कर रही है कि वो 9 नवंबर 1947 को भारत मेंगुजरातके जूनागढ़ के एकीकरण का जश्न क्यों नहीं मना रही है और सिर्फ हैदराबाद पर ध्यान क्यों केंद्रित करना चाहती है. तेलंगाना में बीजेपी राजनीतिक रूप से आक्रामक रही है. 2018 में पार्टी ने राज्य चुनावों में केवल एक विधानसभा सीट जीती थी, लेकिन बाद में उसने हैदराबाद में दो उपचुनाव और हैदराबाद निकाय चुनाव में काफी सीट जीते. बीजेपी को तेलंगाना में एक बड़ा राजनीतिक अवसर दिखाई दे रहा है. जिसमें कमजोर कांग्रेस टीआरएस को मजबूती से चुनौती देने में असमर्थ है.
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