
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि केन्या में भारत के दो नागरिकों के लापता होने के मामले को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है. इस मामले भारतीय उच्चायोग ने वहां के राष्ट्रपति विलियम सामोई रूटो से इस मामले की जांच में तेजी लाने का आग्रह किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा, हम दो लापता भारतीयों, जुल्फिकार अहमद खान और जायद सामी किदवई का पता लगाने के लिये केन्या की सरकार के साथ नियमित रूप से सम्पर्क में हैं.
बागची ने एक बयान में कहा, नैरोबी में हमारी उच्चायुक्त नामग्या खाम्पा ने सोमवार को को वहां के राष्ट्रपति विलियम सामोई रूटो से मुलाकात की और उन्हें हमारी चिंताओं से अवगत कराया. साथ ही, इस मामले की जांच तेजी से कराने का आग्रह भी किया. उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में केन्या के उच्चायुक्त को भी 23 अक्टूबर को मंत्रालय बुलाया गया था और उन्हें इस मामले में हमारी चिंताओं से अवगत कराया गया था.
केन्या पुलिस जांच में जुटी
बागची ने कहा, केन्या में हमारा उच्चायोग दोनों लापता भारतीयों के परिवार के साथ सम्पर्क में है और उन्हें सहयोग दे रहा है. उन्होंने बताया कि इस मामले की केन्या पुलिस की विदेश मामलों की इकाई (आईएयू) सक्रियता से जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि यह जानकारी मिली है कि इस मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिसमें केन्या पुलिस की हाल में खत्म की गई विशेष सेवा इकाई के अधिकारी भी शामिल हैं.
बागची ने कहा, अपहरण (भारतीयों का) और इसके बारे में जानकारी की कमी से जुड़ी परिस्थितियां परेशान करने वाली है और हमें उम्मीद है कि इस मामले की विस्तृत जांच की जायेगी. उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस मामले से जुड़े सभी घटनाक्रम पर नजर रखना जारी रखेगा.
कुछ दिन पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि केन्या में दोनों भारतीय नागरिक जुलाई के मध्य से लापता हैं और मामले की जानकारी मिलने पर शीघ्र ही वहां पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. उन्होंने कहा था कि इसके बाद केन्याई अदालत में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई.
भाषा इनपुट के साथ.
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