
डीएमके के एक नेता ने बीजेपी की महिला नेताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसको लेकर पार्टी की सांसद कनिमोझी ने माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि मैं एक महिला और इंसान होने के नाते मैं माफी मांगती हूं. कनिमोझी ने ट्वीट कर कहा, ‘ जो भी कुछ गया है, उसके लिए मैं एक महिला और इंसान के नाते माफी मांगती हूं. इसे कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है, चाहे वह कोई भी हो, किसी भी पार्टी का हो. मैं इसके लिए खुले तौर पर माफी मांग सकती हूं क्योंकि मेरे नेता एमके स्टालिन और मेरी पार्टी डीएमके इसकी निंदा करते हैं.’
दरअसल, कनिमोझी बीजेपी नेता खुशबू सुंदर के ट्वीट का जवाब दे रही थीं. भाजपा की महिला नेताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को सुंदर ने ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘जब पुरुष महिलाओं को गाली देते हैं, तब लोग कहते हैं कि उनकी किस तरह की परवरिश हुई है और वे किस जहरीले वातावरण में पले-बढ़े हैं. ये पुरुष एक महिला के गर्भ का अपमान करते हैं. ये अपने आप को कलैगनार का अनुयायी बताते हैं. क्या यही सीएम स्टालिन का द्रविड़ मॉडल है? अपने इस ट्वीट में खुशबू ने सीएम स्टालिन और कनिमोझी को टैग किया था. जिसके बाद कनिमोझी ने ट्वीट पर माफी मांगी.
कनिमोझी ने ट्वीट पर मांगी माफी
I apologise as a woman and human being for what was said.This can never be tolerated irrespective of whoever did it,of the space it was said or party they adhere to.And I’m able to openly apologise for this because my leader @mkstalin and my party @arivalayam don’t condone this. https://t.co/FyVo4KvU9A
— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) October 27, 2022
भगवा खेमा महिलाओं पर निर्भर
कनिमोझी के माफीनामा ट्वीट के बाद शुशबू ने डीएमके सांसद को धन्यवाद कहा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डीएमके के एक नेता ने खुशबू सुंदर और नमिता, गायत्री रघुराम व गौतमी जैसी राज्य भाजपा इकाई की महिला नेताओं के बारे में कुछ अपमानजनक टिप्पणी की थी. द्रमुक नेता ने कथित तौर पर कहा था कि भगवा खेमा दक्षिणी राज्य में अपना आधार बढ़ाने के लिए महिलाओं पर निर्भर है.
हाल ही में डीएमके ने वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता केएस राधाकृष्णन को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था. बता दें कि राधाकृष्णन ने कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ट्रोल करते हुए एक तस्वीर ट्वीट की थी. इसको लेकर विवाद शुरब हो गया. इसके बाद पार्टी ने राधाकृष्णन पर कार्रवाई करते हुए यह कदम उठाया.
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