प्रवर्तन निदेशायल (ED) ने बेंगलुरु में ठगी करने वाले 12 कंपनियों का भंडाफोड़ किया है. ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इन सभी कंपनियों में छापेमारी कर 5 करोड़ से अधिक रुपए भी जब्त किए हैं. खास बात यह है कि इन कंपनियों ने नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से ठगी करने के लिए ‘कीपशेयर’ नाम से एक ऐप भी बना रखा था. ईडी का कहना है कि ये कंपनियां वाट्सअप और टेलीग्राम के माध्य से युवाओं के पास मैसेज भेजती थीं. ईडी की मानें तो इस मामले में चीन और ताइवान के छह नागरिकों के साथ- साथ कुल 92 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
ईडी ने कहा कि चीनी नागरिकों ने एक ऐप के माध्यम से नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं के साथ धोखा किया है. इसके माध्यम से करोड़ों रुपए कमाए, जिसे चीन स्थित क्रिप्टो एक्सचेंजों में ट्रांसफर कर दिया. ईडी ने खुलासा किया है कि चीनी नागरिकों द्वारा संचालित इन फर्मों में स्थानीय लोगों को एचआर, मैनेजर, डायरेक्टर्स और टेलीकॉलर्स के रूप में काम पर रखा गया था. उन्होंने एक ऐप ‘कीपशेयर’ लॉन्च किया, जो एक अन्य निवेश ऐप से जुड़ा था. यह प्लेस्टोर पर उपलब्ध था.
प्रति वीडियो 20 रुपए का भुगतान किया जाता था
ईडी के मुताबिक, नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं को रजिस्ट्रेशन के लिए एक राशि जमा करनी पड़ती थी. उन्हें कथित निवेश के लिए और पैसा जमा करने के लिए भी कहा गया. पीड़ित युवाओं को हस्तियों के वीडियो पसंद करने और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करने का काम सौंपा गया था. उन्हें प्रति वीडियो 20 रुपए का भुगतान किया जाता था. खास बात है कि यह राशि उनके ऐप वॉलेट में जमा कर दी गई थी. ईडी ने कहा कि यह तब तक जारी रहा जब तक प्लेस्टोर से ऐप को हटा नहीं दिया गया.
92 आरोपियों में से छह चीन और ताइवान के नागरिक हैं
ईडी ने कहा कि आरोपियों ने एकत्र किए गए धन को क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित कर दिया और उन्हें चीन स्थित क्रिप्टो एक्सचेंजों में स्थानांतरित कर दिया. ईडी ने कहा कि सभी लेनदेन फोन और व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से चीनी व्यक्तियों के नियंत्रण में थे. 92 आरोपियों में से छह चीन और ताइवान के नागरिक हैं, जो पूरे घोटाले को नियंत्रित कर रहे थे.
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