
केरल में अडानी पोर्ट परियोजना के खिलाफ पिछले कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन खत्म हो गया है. केरल के बंदरगाह मंत्री अहमद देवरकोविल ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए बताया कि अडानी समूह के विझिंजम बंदरगाह परियोजना के खिलाफ जारी विरोध राज्य सरकार के साथ बातचीत के बाद खत्म हो गया है. इसी के साथ उन्होंने सरकार को सहयोग करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया.
इस साल अगस्त में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व लैटिन कैथोलिक आर्कडायसिस के नेतृत्व में स्थानीय निवासी और मछुआरे कर रहे थे, जिन्होंने विझिंजम परियोजना को रोकने की मांग की थी.केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विरोध प्रदर्शनों की अध्यक्षता वाली समिति के साथ एक आपातकालीन बैठक की जिसके बाद प्रदर्शन खत्म हो गया. सरकार विझिंजम तटीय क्षेत्र से विस्थापित होने वाले सभी परिवारों को 5,500 रुपए का किराया देने पर सहमत हुई है.
प्रदर्शकारियों ने पुलिस स्टेशन पर बोल दिया था धावा
हालांकि, प्रदर्शनकारी बंदरगाह निर्माण के परिणामस्वरूप होने वाले तटीय कटाव पर एक अलग स्टडी करेंगे. विरोध प्रदर्शन पिछले हफ्ते तब बढ़ गया जब आंदोलनकारियों ने तिरुवनंतपुरम के विझिंजम पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था, जिसमें कई पुलिस कर्मी घायल हो गए थे.
अडानी समूह की विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना के लिए सौदे को 2015 में अंतिम रूप दिया गया था, लेकिन राज्य में मछुआरों के विरोध प्रदर्शन के बाद निर्माण कार्य प्रमुख रूप से प्रभावित हुआ था.
इससे पहले पुलिस ने नवंबर के आखिर में प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़पों के संबंध में 3,000 से अधिक लोगों पर गैरकानूनी रूप से इकट्ठे होने, दंगा करने और आपराधिक षडयंत्र के आरोपों को लेकर मामला दर्ज किया था. पुलिस ने कहा था कि करीब 3,000 लोग विझिंजम पुलिस थाने में इकट्ठे हो गए और उन्होंने एक मामले में आरोपी और अन्य संदिग्धों लियो स्टेनली, मुथप्पन, पुष्पराज और शैंकी को छोड़ने की मांग की जिन्हें हिरासत में लिया गया था.