जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की जांच ‘स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम’ (SIT) से कराने की मांग उठी है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव याचिका दाखिल की गई थी. हालांकि अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में NGO रूट्स इन कश्मीर ने दाखिल की थी. NGO ने क्यूरेटिव याचिका में सिख विरोधी दंगों की फिर से हो रही जांच का हवाला देते हुए कहा कि इंसानियत के खिलाफ अपराध और नरसंहार जैसे मामलो में कोई समयसीमा का नियम लागू नहीं होता.
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में कार्यावाही करने की कोई सीमासीमा नहीं है. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका को 2017 में 27 साल की देरी से दाखिल किए जाने के आधार पर खारिज कर दिया था. इससे पहले, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा को बताया था कि इस साल जम्मू कश्मीर में तीन कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 14 लोग मारे गए हैं. उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में जनवरी (2022) से 30 नवंबर तक तीन कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के 14 लोग मारे गए हैं.’
इस साल 180 आतंकवादी मारे गए
उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में इस साल अब तक 123 आतंकवादी घटनाओं में 180 आतंकवादी, 31 सुरक्षाकर्मी और 31 नागरिक मारे गए हैं. राय ने कहा कि सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस (कतई बर्दाश्त नहीं करने) की नीति रही है और जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है तथा आतंकवादी हमलों में काफी कमी आई है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमलों की संख्या साल 2018 में 417 थी, जो 2021 में कम होकर 229 हो गई.
8 पत्रकारों को धमकी
राय ने राज्यसभा में यह भी बताया कि श्रीनगर के लोकल न्यूजपेपर के लिए काम करने वाले 8 पत्रकारों को आतंकी ब्लॉग “कश्मीर फाइट” के जरिए धमकी मिली है. उन्होंने कहा कि 4 जर्नलिस्ट ने इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने वाले सभी जर्नलिस्ट ‘राइजिंग कश्मीर’ मीडिया हाउस से ताल्लुक रखते हैं. इस मामले में श्रीनगर के शेरगाड़ी थाने में मामला भी दर्ज किया गया है.
आतंकियों की ‘हिट लिस्ट’ में 56 कश्मीरी पंडित
इससे पहले, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी. एक आतंकवादी समूह द्वारा कश्मीरी पंडित समुदाय के 56 कर्मचारियों की ‘हिट लिस्ट’ जारी किए जाने के बाद यह बैठक हुई थी. इस बैठक में मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन तथा पुलिस के अधिकारियों ने हिस्सा लिया था. ऐसी खबरें हैं कि आतंकवादी समूह द्वारा कश्मीरी पंडित समुदाय के 56 कर्मचारियों की ‘हिट लिस्ट’ जारी किए जाने के बाद घाटी में काम करने वाले कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों में डर और घबराहट है.
कश्मीरी पंडितों पर हमले करने की धमकी
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)’ से जुड़े एक ब्लॉग में 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की लिस्ट दी गई है, जिनकी भर्ती प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज (पीएमआरपी) के तहत हुई है. इस ब्लॉग में कर्मचारियों पर हमले करने की धमकी भी दी गई है. आतंकियों द्वारा निशाना बनाकर हत्याएं किए जाने के बाद पीएमआरपी के तहत घाटी में काम करने वाले कई कश्मीरी पंडित कर्मचारी जम्मू चले गए हैं और ऐसे सभी कर्मचारियों को घाटी से बाहर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर 200 से ज्यादा दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में हाल के महीनों में हिंसा की तमाम घटनाएं हुई हैं, जिनमें निर्दोष असैन्य नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों पर हमला और सीमापार से घुसपैठ की कोशिश आदि शामिल हैं.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)