
अमेरिका में मेसेजिंग सिस्टम में टेक्निकल फेल्यर की वजह से हवाई उड़नें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम में खराबी के बाद एक हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी गई और कम से कम 9000 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई. इस बीच अमेरिकी से भारत आने वाली उड़ानें भी प्रभावित हुई, लेकिन भारत से अमेरिका को जाने वाली उड़ानों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और उड़ानें सामान्य तौर पर संचालित की जा रही है. दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने टेक्निकल फेल्यर के पीछे साइबर हमले से इनकार किया है और अधिकारियों ने डेटाबेस डैमेज होने की बात कही है. पढ़ें 10 बड़ी बातें…
- डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने साफ किया है कि भारतीय एयरपोर्ट पर उड़ानें संचालित हो रही है और अमेरिका में हुई टेक्निकल फेल्यर का भारत से होने वाली उड़ानों पर कोई असर नहीं पड़ा है. अमेरिका में फेल्यर की वजह से उड़ानें घंटों बाधित रही, लेकिन डीजीसीए ने कहा कि भारत में चिंता की कोई बात नहीं है. भारत में डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश में सभी हवाई अड्डों पर परिचालन सामान्य है और अभी तक, चिंता का कोई कारण नहीं लगता है.
- बुधवार को अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम में टेक्निकल फेल्यर के बाद अमेरिका के भीतर, अमेरिका को जाने वाली और आने वाली उड़ानें प्रभावित हुई. बताया गया कि 1300 उड़ानों को रद्द करना पड़ा और कम से कम 9600 उड़ानों में देरी हुई.
- टेक्निकल फेल्यर के पीछे अमेरिका ने किसी भी साइबर हमले से इनकार किया है. व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी ने कहा कि यहां साइबर अटैक का मुद्दा ही नहीं है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन को निर्देश भी दिया है कि मामले की तेजी से जांच करे, निपटाए और ट्रांसपोर्टेशन को सामान्य करे.
- अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने कहा कि हवाई यातायात धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है और वह समस्या के कारणों का पता लगा रहा है. यूएस एविएशन रेगुलेटर ने एक ट्वीट में कहा, “एफएए अभी भी एक आउटेज के बाद नोटिस टू एयर मिशन सिस्टम को पूरी तरह से बहाल करने के लिए काम कर रहा है, जबकि कुछ समस्याओं को निपटा लिया गया है और नेशनल एयरस्पेस सिस्टम ऑपरेशनंस सीमित हैं.
- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस एविएशन रेगुलेटर ने शुरुआती जांच का हवाला देते हुए कहा है कि आउटेज डेटाबेस फाइल्स के डैमेज हो जाने से हुआ. इसी की वजह से मेन सिस्टम और बैकअप क्रैश कर गया, जिसकी जांच की जा रही है. एविएशन एडमिस्ट्रेशन ने यह भी कहा कि आगे ऐसा न हो इसपर भी काम किया जा रहा है.
- रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग दो दशकों में ऐसा पहली बार है जब अमेरिका में उड़ानें इस तरह प्रभावित हुई हैं. यूएस रेगुलेटर द्वारा कदम उठाने के बावजूद फ्लाइट में देरी और कैंसिलेशन बढ़ रही है. खबर लिखे जाने तक समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है और सिस्टम को रिकवर करने का काम चल रहा है.
- एयर इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी हवाई अड्डों पर भीड़भाड़ के कारण अमेरिका से उसकी उड़ानों में कुछ देरी हो सकती है. कंपनी पांच अमेरिकी शहरों के लिए सीधी उड़ानें संचालित करती है. विमान चालक दल को सुरक्षा जानकारी देने सिस्टम में तकनीकी खराबी के बाद बुधवार की सुबह अमेरिका में सैकड़ों उड़ानों को रद्द कर दिया गया.
- अधिकारी ने यह भी कहा कि न्यूयॉर्क, शिकॉगो और सैन फ्रांसिस्को जाने वाली एयर इंडिया की उड़ानें सुरक्षित उतरीं. एयर इंडिया अमेरिका के विभिन्न शहरों के लिए सप्ताह में लगभग 51 उड़ानें संचालित करती है.
- हालांकि, इस तरह के आउटेज पहली बार नहीं हुए हैं. इससे पहले एफएए को 2 जनवरी को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा था, जब कंप्युटर सिस्टम में फेल्यर से कई उड़ानें प्रभावित हुई थी. तब सिर्फ फ्लोरिडा जाने वाली उड़ानों पर ही प्रभाव पड़ा था और इस आउटेज का असर घरेलू स्तर पर ही रहा.
- अमेरिका की तरह ही कनाडा में भी थोड़ी समस्याएं देखी गई है. मसलन एनएवी कनाडा के ट्रैफिक कंट्रोल मैनेजर ने बताया कि 90 मिनट तक मेसेजिंग सिस्टम में टेक्निकल खराबी आ गई थी, लेकिन यह अमेरिका से संबंधित है या नहीं इसकी जांच की जा रही है. यह भी बता दें कि इसकी वजह से कोई भी उड़ानें प्रभावित नहीं हुई.