मुंबई: भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का प्लान तैयार है. कब-कब क्या-क्या काम अंजाम देना है, इसकी पूरी डिटेलिंग के साथ दस्तावेज बन कर तैयार हैं. इस दस्तावेज का नाम है ‘ऑपरेशन बुकलेट’. इस बुकलेट में जो खतरनाक साजिश को अंजाम दिया जाना है, उसे नाम दिया गया है- ‘365 डेज थ्रू अ थाउजेंड कट्स.’ यह खतरनाक दस्तावेज मुंबई में गिरफ्तार किए गए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े शख्स के पास से बरामद हुआ है. महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड- एटीएस (ATS) की चार्जशीट में इसका विस्तार से जिक्र किया गया है.
ये दस्तावेज गुप्त रूप से डिस्ट्रिब्यूट किए जा रहे थे. इसका खुलासा अरेस्ट किए गए आरोपी मजहर के मोबाइल फोन की पड़ताल के बाद हुआ. इसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि साल 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है. यानी जब भारत की आजादी के 100 साल पूरे हों, तब भारत इस्लामिक राष्ट्र बन जाए. इसके लिए इस दस्तावेज में पूरी प्लानिंग दी गई है.
क्या है भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के प्लान से जुड़े दस्तावेज में?
इस दस्तावेज में भारतीय मुसलमानों का इतिहास, उसकी दयनीय स्थिति, अल्पसंख्यक होने की वजह से भेदभाव होने पर जवाबी तैयारी, अलग-अलग मुस्लिम संगठनों में आपसी मतभेद की समस्या, गुजरात के दंगे के बाद मुसलमानों पर होने वाले अत्याचार का जिक्र करते हुए भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए अगले पांच-पांच सालों में कैसे चरणबद्ध तरीके से एक-एक मकसद को हासिल करते जाना है, इसे विस्तार से बताया गया है.
पीएम मोदी की छवि विकास पुरुष बनाने में RSS की भूमिका का जिक्र
इस दस्तावेज में संगठन के सदस्यों को इस बारे में गाइड किया गया है कि कैसे शिक्षा से जुड़े क्षेत्र से लेकर संसद तक अपनी ताकत बढ़ानी है. हर जगह और महकमे में मौजूद मुसलमानों को इस लड़ाई में कैसे शामिल करना है. इस दस्तावेज में यह आरोप लगाया गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार सत्ता में आने के बाद अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ा है. इसमें इस बात का जिक्र है कि पीएम मोदी की छवि को गुजरात का दंगा करवाने वाले शख्स की बजाए विकास का दूत बनाने में आरएसएस की भूमिका अहम रही है.
तोगड़िया, स्वामी, गिरिराज, साध्वी, योगी, साक्षी के मुंह बंद करने का प्लान
इस खतरनाक दस्तावेज में प्रवीण तोगड़िया, सुब्रह्मण्यम स्वामी, गिरिराज सिंह, योगी आदित्य नाथ, साध्वी निरंजन ज्योति, साध्वी प्राची, साक्षी महाराज, संजय राउत जैसे नेता के बयानों पर आपत्ति उठाई गई है. दस्तावेज में आरोप लगाया गया है कि देश में लव जिहाद के खिलाफ मुहिम और घरवापसी का कार्यक्रम चलाकर लोगों को मुसलमानों के खिलाफ किया जा रहा है. इन सब से निपटने के लिए 1947 तक भारत को कैसे इस्लामिक राष्ट्र बनाना है, इसका विस्तार से जिक्र किया गया है.