केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने आगामी गर्मी के महीनों के दौरान बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने मंगलवार को बिजली क्षेत्र, कोयला मंत्रालय और रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की. इसमें आगामी महीनों में विशेष रूप से अप्रैल और मई के दौरान उच्च बिजली की मांग को पूरा करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई.
इस बैठक में केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार, सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद, ग्रिड कंट्रोलर के सीएमडी एस.आर. नरसिम्हन, रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा, कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजीव कुमार के अलावा एनटीपीसी के ऑपरेशन डायरेक्टर रमेश बाबू शामिल थे.
बिजली यूटिलिटीज को निर्देश
इस दौरान आने वाले दिनों में बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए बहुआयामी रणनीति के हिस्से के रूप में बिजली यूटिलिटीज को निर्देश दिया गया है कि वे कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के लिए अग्रिम रूप से रखरखाव करें. ताकि संकट के दौरान किसी भी प्लांट में अतिरिक्त रखरखाव की आवश्यकता न हो, इसके अलावा सभी इम्पोर्टेड कोयला आधारित संयंत्रों को 16 मार्च 2023 से पूरी क्षमता से चलाने के लिए धारा-11 के तहत दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं.
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बिजली संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त स्टॉक
इसके अलावा कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराए जाने का भरोसा दिलाया गया. बैठक के दौरान रेलवे बोर्ड ने कोयले के ट्रांसपोटेशन के लिए पर्याप्त रेक की उपलब्धता का आश्वासन दिया. रेल मंत्रालय सीआईएल, जीएसएस और कैप्टिव ब्लॉकों की विभिन्न सहायक कंपनियों को 418 रेक प्रदान करने और नियत समय में रेक की संख्या बढ़ाने पर सहमत हुआ ताकि बिजली संयंत्रों में पर्याप्त कोयले का स्टॉक बनाए रखा जा सके.
गैस आधारित बिजली का उपयोग
बैठक में किसी भी मांग (हाईएस्ट) को पूरा करने के लिए गैस आधारित बिजली का उपयोग किये जाने का निर्णय लिया गया. मंत्रालय ने एनटीपीसी को अप्रैल-मई में संकट की अवधि के दौरान अपने 5000 मेगावाट गैस आधारित बिजली स्टेशनों को चलाने का निर्देश दिया है. इसके अलावा, गर्मी के महीनों के दौरान उपलब्धता के लिए अन्य संस्थाओं द्वारा 4000 मेगावाट अतिरिक्त गैस आधारित बिजली क्षमता जोड़ी जाएगी.
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विद्युत मंत्रालय को आश्वासन
गेल ने गर्मी के महीनों के दौरान गैस की आवश्यक आपूर्ति के लिए विद्युत मंत्रालय को पहले ही आश्वासन दिया है. सभी जलविद्युत संयंत्रों को निर्देश दिया गया है कि वे आरएलडीसी/एसएलडीसी (क्षेत्रीय/राज्य लोड डिस्पैच सेंटर) के सलाह से काम करें. नए कोयला आधारित संयंत्रों के माध्यम से 2920 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता उपलब्ध होगी जो इस महीने के अंत तक चालू हो जाएगी. इसके अलावा, मंत्रालय के निर्देश के बाद, बरौनी में दो इकाइयां (2X110MW) संकट की अवधि के दौरान उपलब्ध कराई जाएंगी.
गर्मी के महीनों में न हो लोड-शेडिंग
बैठक के दौरान, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने बिजली कंपनियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गर्मी के महीनों में लोड-शेडिंग न हो. आरके सिंह ने सभी स्टेकहोल्डर्स से स्थिति की बारीकी से निगरानी करने और आने वाले महीनों के दौरान बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सक्रिय कार्रवाई करने को कहा, ऊर्जा मंत्री ने सीईए को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कोयले के आवंटन के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी तंत्र तैयार किया जाए.
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अप्रैल के महीने में बिजली की अधिकतम मांग
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के अनुमान के मुताबिक, अप्रैल के महीनों के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 229GW रहने की उम्मीद है, तब देश में बिजली की मांग सबसे ज्यादा होगी. इसके बाद मांग कम हो जाती है क्योंकि मानसून का मौसम देश के दक्षिणी भाग से शुरू होता है और अगले 3-4 महीनों में पूरे देश को कवर करता है. सकल घरेलू उत्पाद के करीब 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने के साथ, देश में बिजली की मांग प्रति वर्ष 10 प्रतिशत के करीब बढ़ रही है. अनुमानों के अनुसार, अप्रैल 2023 के दौरान ऊर्जा की मांग 1,42,097 एमयू होने की उम्मीद है, जो मई 2023 में 1.41,464 एमयू तक कम होने से पहले वर्ष 2023 में उच्चतम और नवंबर के दौरान लगातार 1,17,049 एमयू तक घटने की उम्मीद है.
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