सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच भीषण जंग चल रही है. इसमें लगभग 180 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं इसके बीच कर्नाटक के कम से कम 31 आदिवासी सूडानी शहर अल-फशेर में फंसे हुए हैं. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कर्नाटक के दावणगेरे जिले के चन्नागिरी के निवासी एस प्रभु ने फोन पर बताया कि चार-पांच दिन से उन्होंने अपने घर के बाहर नहीं कदम रखा है, और उनके पड़ोस में लगातार बमबारी और गोले के हमले की खबरें आ रही हैं.
उन्होंने बताया कि हम एक किराए के घर में फंसे हुए हैं, जहां खाने और पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है. कोई भी हमारी समस्या सुनने को तैयार नहीं है. प्रभु ने कहा कि हमें यकीन नहीं है कि हम भारत लौटेंगे.
ये भी पढ़ें: Sudan Violence: सूडान में चारों ओर मौत का तांडव, डॉक्टर्स ऑर्गनाइजेशन का दावा- अब तक 100 लोगों की मौत
10 महीने पहले गए थे सूडान
जानकारी के मुताबिक प्रभु (36) और उनकी पत्नी सोनिया (27) आयुर्वेदिक उत्पादों को बेचने के लिए 10 महीने पहले सूडान गए थे. उन्होंने बताया कि वह लोग हक्की पिक्की जनजाति के हैं. अपने छोटे बच्चों को छोड़कर मैं और मेरी पत्नी रोजी-रोटी कमाने यहां आ गए थे, लेकिन हमें नहीं पता था कि सूडान में इस तरह की समस्याएं हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि सूडान में विभिन्न स्थानों पर सैकड़ों भारतीय फंसे हुए हैं.
तीन दिन से खाना नहीं खाया
एस प्रभु ने कहा कि हमने तीन दिन से खाना नहीं खाया है. वहीं आवासीय परिसर में जो पानी की टंकी है वो भी सूख रही है. इतने दिनों से हमने पीने के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए पानी का उपयोग नहीं किया है. उन्होंने बताया कि गोलीबारी में एक घर की दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई है. प्रभु ने कहा कि फंसे हुए लोगों में से पांच चन्नागिरी के हैं, सात शिवमोग्गा के हैं और 19 मैसूर के हुनसुर तालुक के हैं.
ये भी पढ़ें: सूडान में सेना और पैरामिलिट्री के बीच लड़ाई जारी, अब तक 97 लोगों की हुई मौत
खार्तूम में सेना और अर्धसैनिक बलों में जंग
दरअसल शनिवार को खार्तूम में सेना और देश के अर्धसैनिक बल, रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच भीषण लड़ाई छिड़ गई है. वहीं सूडान में भारतीय दूतावास ने रविवार को ट्वीट किया था कि सूडान में सभी भारतीय नागरिकों के लिए सलाह, लड़ाई दूसरे दिन कम नहीं हुई है, हम भारतीयों से अनुरोध करते हैं कि वे जहां हैं वहीं रहें और बाहर न निकलें.
सूडान से भारतीयों को निकालने की योजना
कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आयुक्त मनोज राजन ने बताया कि वह सूडान में फंसे कन्नडिगों के लिए मामले को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाएंगे. सूत्रों के अनुसार आपदा प्रबंधन ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मौजूदा स्थिति पर चर्चा की है. जिसमें कर्नाटक के 181 नागरिकों के फंसे होने की जानकारी मिली है. विदेश मंत्रालय सूडान से भारतीयों को निकालने की योजना बना रहा है. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है. एक सूत्र ने कहा कि जो हिंसा हो रही है उसमें भारतीय लक्ष्य नहीं हैं.
ये भी पढ़ें: Russia Ukraine War: दुनिया के सामने पहली बार सामने आई यूक्रेन की सीक्रेट फोर्स, जानें डोजोर का जंगी प्लान