विशेष प्रोग्राम सत्ता की शुरुआत ऐसी कुंजी से जो थोड़ी कंट्रोवर्शियल और तीखी है, इसके मूल में एक ऐसा चुनावी ऐलान है, जिस पर संग्राम छिड़ चुका है. पक्ष और विपक्ष दोनों अपने-अपने राजनीतिक बाणों के साथ-साथ गदाओ से एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं.
इस राजनीतिक संग्राम की शुरुआत आज कर्नाटक में कांग्रेस के घोषणापत्र के उस ऐलान से हुई, जिसमें पार्टी ने ये वचन दिया कि वो कर्नाटक चुनाव जीतने के बाद बजरंग दल पर PFI की तरह ही प्रतिबंध लगा देगी. अगर आप कांग्रेस के घोषणापत्र के इस ऐलान को शब्दश: पढ़ेंगे तो इसमें साफ-साफ दोनों को एक समान बताते हुए लिखा है कि ‘PFI और बजरंग दल जैसे संगठन जो शत्रुता और घृणा को बढ़ावा देते हैं. ऐसे संगठनों को बैन किया जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’
कांग्रेस के इस ऐलान के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि
– क्या कांग्रेस के लिए बजरंग दल PFI की तरह आतंकी संगठन है ?
– क्या कांग्रेस के लिए बजरंग दल PFI की तरह देशद्रोही संगठन है?
– क्या कांग्रेस के लिए बजरंग दल PFI की तरह देश तोड़ने वाला संगठन है ?