भोपाल । प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के पार्किंग क्षेत्र में 22 सितंबर से हाईटेक अन्नक्षेत्र की शुरुआत होगी। यहां पर एक साथ दो हजार लोग प्रसाद ग्रहण सकेंगे, ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी। अन्नक्षेत्र के किचन की क्षमता 80 हजार से एक लाख लोगों का भोजन तैयार करने की है। 40 हजार वर्ग फीट में बना अन्नक्षेत्र दो मंजिला है। इसमें एक साथ 1800 से 2000 श्रद्धालु एक साथ बैठकर भगवान महाकाल की महाप्रसादी ग्रहण कर सकते हैं। मंदिर समिति द्वारा अब तक संचालित अन्नक्षेत्र में मेन पावर द्वारा भोजन तैयार किया जाता था। नए अत्याधुनिक अन्नक्षेत्र में मशीनों से भोजन बनाया जाएगा। यह प्लांट आटोमेटिक है, सिस्टम सेट करने के बाद यह स्वयं कार्य करता है। दाल बनाने वाली मशीन में दाल डालने के बाद यह खुद पानी, तेल, मसाले आदि सेटिंग सिस्टम के अनुसार लेकर दाल तैयार कर देती है। मशीन में काफी कम समय में दाल,चावल,सब्जी, रोटी आदि भोजन प्रसादी बन जाती है। बर्तन धोने के लिए डिशवाश मशीन लगाई गई है। अन्नक्षेत्र भवन दो मंजिला है। तल मंजिल पर किचन के साथ श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था भी है। एक बार में तल मंजिल व प्रथम तल में 1800 से दो हजार लोगों की बैठकर भोजन कर सकते हैं। ट्रालियों के द्वारा भोजन सर्व किया जाएगा। अन्नक्षेत्र में भक्तों के पीने के लिए आरओ वाटर का इंतजाम रहेगा। महाकाल मंदिर के नए अन्नक्षेत्र का निर्माण करीब 27 करोड़ रूपये की लागत से हुआ है। इंदौर के एक दानदाता ने 22 करोड़ रुपये की लागत से अन्नक्षेत्र भवन का निर्माण कराकर मंदिर समिति को सौंपा है। अन्य दानदाताओं के सहयोग से पाच करोड़ की लागत से किचन के लिए भोजन बनाने की मशीन ट्राली तथा बैठन के लिए फर्नीचर का इंतजाम किया गया है। इस बारे में महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक संदीप कुमार सोनी का कहना है कि किसी भी अन्नक्षेत्र में दो बातें महत्वपूर्ण होती हैं किचन व बैठक व्यवस्था। महाकाल मंदिर के नए अन्नक्षेत्र में किचन की क्षमता करीब एक लाख लोगों को भोजन बनाने की है। तल मंजिल व प्रथम तल पर एक बार में एक साथ 1800 से दो हजार लोग बैठकर भोजन कर सकते हैं।
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