एयर इंडिया (Air India) का अधिकार गुरुवार से टाटा समूह (Tata Group) को मिल गया है. एयर इंडिया ने टाटा समूह को ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी होने के बाद कहा कि वो नए मालिक के साथ नई उड़ान भरने को तैयार है. एयरलाइन ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर कहा कि टाटा समूह का हिस्सा बनना एयर इंडिया के लिए नया अध्याय है. दो बड़े ब्रांड साथ आए हैं और विशिष्टता की यात्रा पर निकलने को तैयार हैं. एयर इंडिया ने कहा कि दोनों ब्रांडों की विरासत समृद्ध रही है और हमारा साझा मिशन देश की सेवा है. टाटा कंपनी (Tata Company) का स्वागत. वहीं टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के ट्वीट को री-ट्वीट कर कहा कि एयर इंडिया के साथ उड़ान भरने के लिए उत्साहित! #AirIndiaOnBoard
वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराजा की कमान संभालते ही टाटा ग्रुप सबसे पहले एयर इंडिया के लेट लतीफी वाले दाग को धुलेगा. टाटा ग्रुप की पहली कोशिश होगी कि एयर इंडिया की फ्लाइट का संचालन समय पर हो. वहीं पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों से कहा गया है कि एयर इंडिया की छवि, नजरिया और धारणा को बदलने की कोशिश की जाएगी.
Excited to take off with you! #AirIndiaOnBoard https://t.co/t1HEGKTwlE
— Tata Group (@TataCompanies) January 27, 2022
शुरुआती दिनों में कुछ चुनिंदा उड़ानों में बढ़ी हुई मील सर्विस जारी रहेगी. फिर बाद में चरणबद्ध तरीके से सेवा का विस्तार किया जाएगा. शुक्रवार को मुंबई-नेवार्क फ्लाइट और पांच मुंबई-दिल्ली फ्लाइट में स्पेशल मील परोसा जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केबिन क्रू मेंबर्स को यात्रियों को गेस्ट के तौर पर संबोधित करने का निर्देश दिया गया है. चालक दल के सदस्यों अच्छी तरह से तैयार होने के लिए कहा गया है और जांच अधिकारी एयरपोर्ट पर इसकी जांच भी करेंगे. शुक्रवार को सभी उड़ानों में पायलट्स की ओर से एक विशेष स्वागत भाषण होगा, जिसमें घोषणा की जाएगी कि एयर इंडिया आधिकारिक तौर पर टाटा समूह का हिस्सा बन गई है.
सभी फ्लाइट्स में सुनाया जाएगा रतन टाटा का वॉयस रिकॉर्ड
एयर इंडिया के एक अधिकारी के मुताबिक अब एयर इंडिया की सभी फ्लाइट्स में रतन टाटा का वॉयस रिकॉर्ड सुनाया जाएगा. समयबद्धता नए प्रबंधन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसलिए प्रस्थान से 10 मिनट पहले दरवाजे बंद कर दिए जाएंगे. अक्टूबर 2021 में टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी 18000 करोड़ में खरीदी थी. ये बोली टाटा सन्स की सब्सिडियरी कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से लगाई गई थी.
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(इनपुट- भाषा के साथ)