राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ सोमवार को डिजिटल बैठक की. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन-रूस युद्ध, बूचा नरसंहार और अमेरिका-भारत (India America) के मध्य रक्षा क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर भी इस बैठक में बाइडेन के साथ मौजूद रहे. उके अलावा, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भी इस बैठक में शामिल रहे.
- इस बैठक में भारत ने यूक्रेन के बूचा में हुई नागरिक हत्याओं की निंदा की. भारत ने एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का आह्वान भी किया. पीएम मोदी ने कहा, ‘बूचा में नागरिकों की हत्याओं की खबर बहुत ही चिंताजनक थी. भारत इसकी निंदा करता है और निष्पक्ष जांच की मांग करता है.’
- राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत द्वारा यूक्रेन को भेजी गई मानवीय सहायता की सराहना की है. यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को भारत ने 90 टन से ज्यादा मानवीय राहत सामग्री प्रदान की है. 18 देशों के लगभग 150 विदेशी नागरिकों को निकालने के लिए भी भारत ने अपने संसाधनों का इस्तेमाल किया था.
- पीएम मोदी ने यूक्रेन संकट के समाधान के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच सीधी वार्ता की जरूरत का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यूक्रेन और रूस दोनों के राष्ट्रपतियों के साथ फोन पर मेरी बातचीत हुई. मैंने उन्हें सुझाव दिया है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत करें.
- अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि अमेरिका भारत-प्रशांत में समृद्धि, सुरक्षा और कानून के शासन को बढ़ावा देते हुए विकास सहायता, महामारी के बाद आर्थिक सुधार और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने पर समन्वय को आगे बढ़ाने के लिए भारत और क्वाड भागीदारों के साथ काम करना जारी रखेगा.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के रूप में हम नेचुरल पार्टनर्स हैं और पिछले कुछ सालों में भारत-अमेरिका संबंधों में जो प्रगति हुई है, जो नया मोमेंटम बना है. इसकी शायद आज से एक दशक पहले तक कल्पना करना भी मुश्किल था.
- पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन से कहा, ‘आपने अपने कार्यकाल के शुरू में ही एक बहुत जरूरी स्लोगन दिया था “Democracies can Deliver”. भारत और अमेरिका की पार्टनरशिप की सफलता इस स्लोगन को सार्थक करने का सबसे उत्तम जरिया है.’
- दोनों देशों के नेताओं ने अनेक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया. इन विषयों में कोविड-19 महामारी, वैश्विक अर्थव्यवस्था का उबरना, जलवायु संबंधी कार्रवाई, दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हालिया घटनाक्रम और यूक्रेन की स्थिति शामिल रहे.
- मोदी और बाइडन ने हाल के वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों में हुई अहम प्रगति की भी समीक्षा की. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत-अमेरिका समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने से दोनों देशों को जबरदस्त लाभ होगा और इससे वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता में भी मदद मिलेगी.
- भारत और अमेरिका को दो जीवंत लोकतंत्र करार देते हुए बाइडेन ने कहा, ‘कोविड-19 पर जिन वैश्विक चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं उन पर हमारी चिंताएं समान हैं. हमें स्वास्थ्य सुरक्षा को उन्नत करना है और जलवायु संकट का समाधान करना है. हमारे बीच एक मजबूत और उभरती हुई रक्षा साझेदारी है.
- अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने पीएम मोदी से कहा कि वह 24 मई को जापान (Japan) में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में उनसे मुलाकात करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. मोदी-बाइडेन की बैठक वाशिंगटन में चौथे भारत-अमेरिका टू प्लस टू संवाद से पहले हुई. इसका नेतृत्व भारत की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा उनके अमेरिकी समकक्ष रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन ने किया.