पिछले सात सालों से न्याय की राह देख रही पाकिस्तान (Pakistan) के ‘कब्जे वाले कश्मीर’ (PoK) की गैंगरेप पीड़िता ने अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मदद की गुहार लगाई है. पीड़िता (Gang Rape Survivor) ने एक वीडियो मैसेज में पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा है कि उसकी और उसके बच्चों की जान खतरे में है, इसलिए उसे एक सुरक्षित आवास और माहौल उपलब्ध कराया जाए. मारिया के साथ गैंगरेप की घटना को साल 2015 में अंजाम दिया गया था.
मारिया ताहिर (Maria Tahir) तब से ही अपराध में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग को लेकर दर-दर भटक रही हैं. भावनात्मक वीडियो मैसेज में उन्होंने अपने साथ हुई दरिंदगी के बारे में बताया और कहा, ‘हारून राशिद, ममून राशिद, जमील शफी, वकास अशरफ, सनम हारून और तीन और लोगों ने मेरे साथ गैंगरेप किया. मैं पिछले सात सालों से न्याय के लिए लड़ रही हूं. PoJK की पुलिस, सरकार और न्यायपालिका मुझे न्याय दिलाने में विफल साबित हुईं हैं.
#Pakistan के 'कब्जे वाले कश्मीर' #PoK से एक गैंगरेप पीड़िता ने @PMOIndia से गुहार लगाई है कि उसको भारत आने की इजाजत दी जाए. क्योंकि उसको और उसके बच्चों को वहां जान का खतरा है. पिछले 7 सालों से न्याय की राह तक रही मारिया ताहिर ने @narendramodi से मदद देने की अपील की है. pic.twitter.com/VRLOu2jtCn
— Garima Tiwari (@Garima18897) April 12, 2022
PM मोदी से की भारत आने के लिए इजाजत देने की अपील
उन्होंने कहा, ‘इस वीडियो के जरिए मैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील कर रही हूं कि मुझे भारत आने की इजाजत दें. मेरे बच्चों को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. स्थानीय पुलिस और नेताओं से जान का खतरा बताते हुए ताहिर ने आगे कहा, ‘स्थानीय पुलिस और एक वरिष्ठ राजनेता, चौधरी तारिक फारूक कभी भी मुझे और मेरे बच्चों को मार सकते हैं. मैं पीएम मोदी से अपील करना चाहती हूं कि हमें आवास और सुरक्षा प्रदान करें.’
नेताओं और पुलिस से नहीं मिली कोई मदद
मारिया ने पुलिस और स्थानीय राजनेताओं से संपर्क साधने की तमाम कोशिशें कीं, मगर न्याय पाने में असफल रहीं. मारिया ने बताया कि उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) के मुख्य न्यायाधीश सहित कई स्थानीय अधिकारियों को कई लैटर लिखे, मगर हर बार उन्हें अपमानजनक जवाब मिला कि वो एक विवाहित महिला हैं. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई महिलाएं रेप पीड़िताएं (Rape Victims) हैं, मगर उनके परिवार सार्वजनिक रूप से अपराधियों का सामना करने से डरते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उन्हें समुदाय द्वारा त्याग ना दिया जाए.