महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा (Maharashtra Political Drama) बुधवार देर रात निर्णायक मोड में पहुंच गया है. बुधवार देर रात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने राजभवन पहुंच कर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. जिसके बाद वह मंदिर पहुंचे. इससे पहले उन्होंने बुधवार तकरीबन साढ़े नौ बजे फेसबुक लाइव कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान किया था. इस दौरान उन्होंने पार्टी के बागी विधायकों पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने अपने भावानात्मक भाषण में कहा था कि हमारे विधायक अब बड़े हो गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि था उनसे शिवसेना को कोई छीन नहीं सकता है.वहीं इस बीच चर्चा है कि उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने राजतिलक की तैयारी शुरू कर ली है. जिसके तहत कहा जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस एक जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं.
असल में महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा 20 जून को शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के साथ शुरू हुआ था. जिसके बाद बीते दिनों राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी बुधवार रात अपने आदेश में फ्लोर टेस्ट पर रोक नहीं लगाई. जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीतिक कथा नए मोड पर आ खड़ी हुई है. आईए जानते हैं कि 20 जून से 29 जून तक चले महाराष्ट्र के इस सियासी ड्रामे में क्या-क्या महत्वपूर्ण घटित हुआ.
- महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे की शुरुआत 20 जून को हुई. उस दिन शिवसेना नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी. उन्होंने 20 जून को 11 विधायकों के साथ महाराष्ट्र छोड़ दिया और वह सभी विधायकों के साथबीजेपी शासित राज्य गुजरात के सूरत पहुंच गए. इसके बाद उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे.
- एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सभी विधायकों की एक बैठक बुलाई. बैठक में शिवसेना के 10 से 12 और विधायक नहीं पहुंचे. कहा गया है कि बैठक में गैरमौजूद विधायक महाराष्ट्र में नहीं हैं. वहीं इसके बाद शिवसेना ने एकनाथ शिंदे पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी के व्हिप के पद से हटा दिया. इसके इतर शिवसेना ने पार्टी विधायकों को एकजुट करने के लिए बाकी विधायकों को मुंबई के अलग-अलग होटलों में रखा.
- 21 जून को पार्टी व्हिप पद से हटाए जाने के बाद बागी हुए एकनाथ शिंंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से महाविकास अघाडी गठबंधन तोड़ने का कहा. साथ ही उन्होंने शिवसेना और भाजपा गठबंधन की सरकार बनाने की मांग मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की. साथ ही उन्होंने दावा किया कि उनके पास शिवसेना के 35 से अधिक विधायकों का समर्थन है.
- 22 जून को एकनाथ शिंंदे शिवसेना के 40 विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी पहुंचें. वहीं बागी विधायकों के गुवाहाटी पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हैं. इधरशिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बीजेपी पर शिवसेना में विद्रोह कराने और महाविकास अघाडी सरकार को गिराने का आरोप लगाया. वहीं इस बीच एनसीपी प्रमुखशरद पवार ने शिवसेना के साथ रहने का वादा किया.
- महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे में 23 जून को अहम रहा है. इस दिन शिवसेना के 37 बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता घोषित कर दिया. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने अपने गुट को असली शिवसेना बताया और कहा कि वह बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिक हैं. उनके इस बयान से देश के अदंर असली शिवसेना और नकली शिवसेना पर विमर्श शुरू हो गया.
- 24 जून को शिवसेना में हुई बगावत की यह लड़ाई अगले पड़ाव पर पहुंची. जिसके तहत शिवसेना ने बागी विधायकों के खिलाफ एक याचिका दायर की. जिसमें डिप्टी स्पीकर से शिवसेना ने एकनाथ शिंदे खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की. इसी बीच डिप्टी स्पीकर के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. जिसे अस्वीकार कर दिया गया.
- 26 जून को बागी एकनाथ शिंदे ने डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास मत को अस्वीकार किए जाने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. जिस पर अगले दिन सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई का दिन तय किया है. वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर एक विस्तृत हलफनामा जमा करने को कहा.
- 28 जून को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. वहीं इस दौरान चर्चा का बाजार गर्म रहा है कि बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के करीब पहुंच चुकी है. जिसके तहत बीजेपी और एकनाथ शिंंदे के बीच डील पक्की होने तक की जानकारी भी सामने आई. जिसमें नई सरकार की कैबिनेट तक को मूर्त रूप देने तक का दावा किया गया.
- बीजेपी और एकनाथ शिंदे के बीच नई सरकार की डील होने की खबरों के बीच बीजेपी नेता औरपूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से विधानसभा फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की.
- 29 जून को सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए 30 जून को फ्लोर टेस्ट कराने की इजाजत दी. जिसके बाद देर रात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया.